पीएम मोदी की आलोचक से प्रशंसक बनीं शेहला राशिद, कहा- वह निस्वार्थ व्यक्ति, भारत को बदलने के लिए ले रहे कठोर फैसले

पीएम मोदी की आलोचक से प्रशंसक बनीं शेहला राशिद, कहा- वह निस्वार्थ व्यक्ति, भारत को बदलने के लिए ले रहे कठोर फैसले

बरेली, अमृत विचार। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष और भाजपा सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचक रहीं शेहला रशीद ने बताया है कि हाल के दिनों में क्यों वह मोदी सरकार की तारीफ करने लगी हैं। 

शेहला रशीद ने एक समाचार एजेंसी के एक कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर करते हुए लिखा है, "मेरे हृदय परिवर्तन की वजह यह एहसास है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक निस्वार्थ व्यक्ति हैं, जो भारत को बदलने के लिए कठोर फैसले ले रहे हैं।" हालांकि शेहला रशीद ने अपने इस वीडियो ट्वीट के लिए कमेंट्स को ऑफ कर दिया है यानी कोई भी अन्य एक्स यूजर इस ट्वीट के कमेंट सेक्शन में प्रतिक्रिया नहीं दे सकता है।

शेहला ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, "पीएम मोदी ने अपने खिलाफ कड़ी आलोचना का सामना किया है, लेकिन फिर भी समावेशी विकास के अपने नजरिये पर वह डटे रहे, जिसमें कोई भी पीछे नहीं छूटता है।" शेहला रशीद के अचानक हुए हृदय परिवर्तन को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। यहां तक कहा जाने लगा कि शेहला रशीद को भाजपा का टिकट मिल सकता है। 'एक्स' पर एक यूजर ने कहा कि मैं शेहला रशीद से सपने में भी ऐसा कुछ सुनने की कल्पना नहीं कर सकता है। जल्द ही उन्हें भाजपा का टिकट मिल सकता है।

इस पर शेहला ने कहा कि यह राजनीति के बारे में कम नैरेटिव के बारे में ज्यादा है, जिन्हें हम आगे बढ़ाते हैं। क्या मैं पीड़ित होने की भावना को बढ़ावा देती हूं? क्या मैं अल्पसंख्यकों को राष्ट्रीय प्रगति में हिस्सा लेने से हतोत्साहित कर रही हूं? भारत एक प्रतिभाशाली और विकास समावेशी है। हमें प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को सही स्किल से लैस करना होगा।

कश्मीर को लेकर भी भाजपा सरकार के स्टैंड की तारीफ की
मूलत: कश्मीर की रहने वाली शेहला रशीद वीडियो में कहती हैं, "जिस तरह से भारत सरकार ने कश्मीर में स्थिति संभाली है, मैं उससे काफी प्रभावित हुई हूं। मैंने भाजपा, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के बारे में कई बातें कहीं हैं। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत सरकार को घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर बहुत आलोचनाएं झेलनी पड़ीं, लेकिन उन्होंने सबका सामना किया। मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि कोई इतना अलोकप्रिय, जोखिम भरा फैसला क्यों ले रहा है।"

शेहला ने आगे कहा, "लेकिन फिर मैंने महसूस किया और यही मेरे हृदय परिवर्तन की वजह भी बना कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री, गृहमंत्री बेहद निस्वार्थ लोग हैं, जो सिर्फ राष्ट्रहित की परवाह करते हैं, क्योंकि कोई भी इतनी आलोचना क्यों झेलेगा।"

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