देश के विकास के लिए वन नेशन वन इलेक्शन जरूरी: राम नाथ कोविंद

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Published By Sachin Sharma
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एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए पूर्व राष्ट्रपति  

रायबरेली। देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कहना है देश के विकास और सरकारों की सहूलियत के लिए वन नेशन वन इलेक्शन जरूरी है। इसके लिए बराबर प्रयास हो रहे हैं तथा उम्मीद है कि इस मसले पर सभी राजनीतिक दल एक होकर सहमति देंगे।

पूर्व राष्ट्रपति सोमवार को शहर के शिवाजी मोहल्ले में एक निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए। इसके पूर्व उन्होंने आईटीआई गेस्ट हाउस पर प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की तथा वन नेशन वन इलेक्शन पर बातचीत की। सोमवार को दोपहर 12:40 बजे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शहर के आईटीआई गेस्ट हाउस पहुंचे।

उनके साथ उनकी धर्मपत्नी सविता कोविंद और पुत्री स्वाति भी रहीं। डीएम हर्षिता माथुर ने पूर्व राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को बुके देकर स्वागत किया। एसपी आलोक प्रियदर्शी की जगह एएसपी नवीन कुमार सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति को बुके दिया। उसके बाद वह कुछ देर के लिए गेस्ट हाउस में विश्राम करने के लिए गए।

इसके बाद शिवाजी नगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गेस्ट हाउस से रवाना हुआ। इस दौरान मीडिया ने उनसे सवाल किए तो पूर्व राष्ट्रपति ने बहुत सहज भाव में उत्तर दिया। मुख्य सवाल वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर रहा। इस पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि देश में वर्ष 1967 के बाद से वन नेशन वन इलेक्शन का सिस्टम खत्म हो गया।कारण कुछ राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा और फिर उसके बाद यह सिस्टम बन नहीं सका।

वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर संसद की कमेटी, नीति आयोग और चुनाव आयोग ने सहमति जताते हुए सिफारिश की। जिस पर वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर एक मुख्य कमेटी बनाई गई जिसके वह चेयरमैन हैं। पूर्व राष्ट्रपति ने बताया कि एक देश एक चुनाव को लेकर वह विभिन्न राजनीतिक दलों से बात कर चुके हैं और अभी और बात करेंगे।

अधिकतर दल इस पर राजी है। वहीं जिन दलों से बात नहीं हो सकी है या जो दल इस पर अपनी स्पष्ट राय नहीं दे सके हैं उनसे बराबर बात की जा रही है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि यह पद्धति न केवल केंद्र सरकार के लिए फायदेमंद होगी बल्कि आम लोगों को भी इससे लाभ मिलेगा। केंद्र में चाहे भाजपा की सरकार आए, चाहे कांग्रेस की सरकार या फिर अन्य दल की। सरकार को इससे लाभ होगा।

बताया कि वन नेशन वन इलेक्शन से जो रुपया बचेगा उसकी उपयोग देश के विकास में किया जा सकेगा। इस सिस्टम को लागू कराने के लिए वह प्रयास कर रहे हैं तथा दलीय नेताओं के साथ आम लोगों को भी इससे लिए जागरूक किया जाएगा। इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति शिवाजी नगर में आयोजन होने वाले कार्यक्रम के लिए चल पड़े।

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