एडिशनल एसपी के बेटे की मौत के मामले में आरोपित लड़के के पिता पर प्राथमिकी दर्ज
लखनऊ, अमृत विचार। लखनऊ में तैनात एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के इकलौते बेटे की मौत के मामले में एसयूवी चला रहे लड़के के पिता पर भी बुधवार को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। आलाधिकारियों ने बताया कि बच्चे पर कार चढ़ाने के बाद आरोपित घटनास्थल से फरार हो गए थे। आरोपित सार्थक के पिता रवींद्र सिंह ने साक्ष्य छिपाने के लिए एसयूवी को छिपाया था, ताकि उसमें डेंटिंग करा बेटे को बचा सके। जिस वजह से पुलिस ने आरोपित सार्थक के पिता रवींद्र सिंह पर भी मामला दर्ज कर उसने गहन पूछताछ करने में जुटी है।
गौरतलब है कि 21 नवम्बर की सुबह जनेश्वर मिश्र पार्क के समीप नामिश आईपीएस मां श्वेता श्रीवास्तव और कोच के संग साथ स्केटिंग के लिए आया था। तभी एक तेज रफ्तार एसयूवी ने उसे कुचल दिया, घटनास्थल ही नामिश ने दम तोड़ दिया। बेटे की दर्दनाक मौत का वाक्या एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव ने अपनी आंखों के सामने ही देखा था। हालांकि, देर शाम पुलिस ने एसयूवी सवार सार्थक सिंह और देवश्री वर्मा को गिरफ्तार कर उसने ड्राइविंग लाइसेंस मांगा तब आरोपितों ने बताया कि उनके पास लर्निंग लाइसेंस है, लेकिन वह पुलिस को लर्निंग लाइसेंस भी नहीं दिखा सके। डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक, जांच के दौरान घटनास्थल के पास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था, कुछ ही दूरी पर एक चाय के स्टॉल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में एसयूवी की फुटेज कैद हो गई। इस सीसीटीवी फुटेज की मदद से एसयूवी का नंबर ट्रेस कर आरोपित लड़कों को धर दबोचा गया।
दोनों आरोपियों में लगी थी कार रेस की होड़
डीसीपी पूर्वी ने बताया कि सार्थक के पिता रविंद्र सिंह बारांबकी जनपद के रामनगर ब्लॉक से पूर्व जिला पंचायत सदस्य हैं। वहीं दूसरे आरोपित देवश्री के चाचा अंशुल वर्मा कानपुर में सराफा कारोबारी हैं। पूछताछ में देवश्री ने बताया कि वह चाचा की नई एसयूवी लेकर आया था। इसके बाद आरोपित सुबह कार रेस करना चाहते थे, सुबह उन्हें पुलिस से पकड़ने जाने का भय नहीं था। कार दौड़ाने में होड़ में आरोपितों ने शर्त लगी और 150 की स्पीड से कार को दौड़ा दिया। डीसीपी पूर्वी ने बताया कि पहले देवश्री ने गाड़ी भगाई। फिर सार्थक सिंह गाड़ी की रफ्तार 120 के ऊपर ले जाने की कोशिश करने लगी। इसी बीच आरोपित एडिशनल एसपी के इकलौते बेटे नामिश को रौंद कर घटनास्थल से भाग निकले।
शहर से भागने की फिराक में थे आरोपित
जांच में पता चला कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित सार्थक घर आया। इसके बाद उसने पिता रवींद्र सिंह को सच्चाई बताई। बेटे को बचाने के लिए रवींद्र सिंह ने साक्ष्य दबाने के लिए एसयूवी को छिपा दिया। इसके बाद आरोपित शहर से भागने की फिराक में थे। इससे पहले आरोपित शहर छोड़कर भाग पाते, तब तक पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। इसके साथ ही एसयूवी बरामद कर सार्थक के पिता रवींद्र सिंह पर भी मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि दोनों ही आरोपित इंदिरानगर थानाक्षेत्र सेक्टर-16 के निवासी है।
कोट
दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए सजा) और 279 (सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से गाड़ी चलाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। अब दोनों को रिमांड में लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आशीष श्रीवास्तव, डीसीपी पूर्वी
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