प्रयागराज : धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हनुमान मंदिर का होगा नया स्वरूप
40 करोड़ रुपये की इस कॉरिडोर परियोजना की रूप रेखा और आकृति तैयार
प्रयागराज, अमृत विचार। महाकुंभ-2025 से पहले संगम नगरी में पूरे देश से आने वाले संत महात्माओं में अब बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर की सौगात मिलने की उम्मीद जागी है। योगी आदित्यनाथ की ओर से संगम पर प्रस्तावित प्रयागराज की इस पहली कॉरिडोर परियोजना को सेना की एनओसी मिलने की सम्भावना है।
काशी विश्वनाथ धाम, विंध्याचल धाम, अयोध्या और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तरह अब बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर को बनाने की योजना प्रस्तावित है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण और सेना के संयुक्त सर्वे के बाद रक्षा संपदा विभाग की ओर से रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेजी गई है।
गौरतलब है कि महाकुंभ से पहले प्रयागराज के तीर्थ स्थलों का कायाकल्प योगी सरकार लगातार कराने के लिए प्राथमिकता दे रही है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हनुमान मंदिर को नया स्वरूप दिया जाएगा। इसके लिए मंदिर के पास स्थित 11589 स्क्वायर मीटर जमीन को चिह्नित किया गया है। इसमें 535 स्क्वायर मीटर में बड़े हनुमान मंदिर का भव्य गर्भगृह और परिक्रमा पथ तैयार किया जाएगा। कॉरिडोर एरिया के लिए 2184 स्क्वायर मीटर भूमि तय की गई है। इस एरिया में पूजा-प्रसाद, फूलमाला की दुकानें और श्रद्धालुओं के लिए 6176 स्क्वायर मीटर खुला क्षेत्र पार्क तैयार किया जाएगा। रोड के लिए 1310 स्क्वायर मीटर और पैदल परिक्रमा पथ के लिए 760 स्क्वायर मीटर भूमि प्रस्तावित हो चुकी है।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से तैयार की गई करीब 40 करोड़ रुपये की इस कॉरिडोर परियोजना की रूप रेखा और आकृति तैयार कर ली गई है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र इस मंदिर कॉरिडोर परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए अफसरों के साथ बैठक कर चुके हैं। एडीएम कुंभ मेला दयानंद प्रसाद के मुताबिक हनुमान मंदिर कॉरिडोर की डिजाइन फाइनल हो चुका है। पोर्टल पर एनओसी के लिए आवेदन किया जा चुका है।
वर्जन:-
संयुक्त सर्वे किया जा चुका है। सेना की अनुमति मिलने के बाद इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम जल्द शुरू कर दिया जायेगा। संयुक्त सर्वें की रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेज दी गई है।
अमित मिश्रा, रक्षा संपदा अधिकारी-सब एरिया, कैंटोनमेंट प्रयागराज
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