AI सिस्टम्स और टूल्स से नौकरी में ज्यादा कर पाएंगे ‘मानवीय’ पहलू पर ध्यान केंद्रित 

AI सिस्टम्स और टूल्स से नौकरी में ज्यादा कर पाएंगे ‘मानवीय’ पहलू पर ध्यान केंद्रित 

नई दिल्ली। नौकरी तलाशने वाले अधिकांश लोगों (78 प्रतिशत) का मानना है कि एआई सिस्टम्स और टूल्स के विकास से भर्ती और प्रत्याशी के अनुभव में सुधार आएगा। हालाँकि, आधे (50 प्रतिशत) से ज्यादा नौकरी तलाशने वालों को चिंता है कि एआई भर्ती प्रक्रिया में मानवीय निर्णय और विवेक का स्थान ले लेगा। इनडीड द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण में बात सामने आयी है।

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यह सर्वे सेंससवाईड द्वारा पूरे विश्व के सात देशों में इनडीड की ओर से 7275 नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच किया गया। भारत में 1142 नियोक्ताओं और नौकरी तलाशने वालों का सर्वे किया गया।

नौकरी तलाशने की एक निष्पक्ष और पूर्वाग्रहरहित प्रक्रिया के लिए नौकरी तलाशने वाले नियोक्ताओं से अपेक्षा करते हैं कि वो मानवीय दृष्टिकोण/निगरानी (48 प्रतिशत) बनाए रखेंगे, और एआई सिस्टम्स एवं टूल्स के लिए इस्तेमाल हो रहा डेटा अल्पसंख्यक समूहों (41 प्रतिशत) का प्रतिनिधित्व करे।भारत में 98 प्रतिशत एचआर पेशेवर और 91 प्रतिशत नौकरी तलाशने वालों ने बताया कि वे काम के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं।

इसके मुकाबले, जापान में एक तिहाई से ज्यादा एचआर पेशेवर (35 प्रतिशत) और आधे से ज्यादा नौकरी तलाशने वालों (53 प्रतिशत) ने कहा कि वे व्यावसायिक रूप से एआई टूल्स का उपयोग नहीं कर रहे हैं। फ्रांस में स्थिति इसके विपरीत है, जहाँ 30 प्रतिशत नौकरी तलाशने वालों और 25 प्रतिशत एचआर पेशेवर ने बताया कि उन्हें इस टेक्नोलॉजी को लेकर डर है।

एआई को अपनाने वाले अन्य देश अमेरिका और कनाडा हैं, जहाँ 92 प्रतिशत एचआर पेशेवर और ब्रिटेन में 88 प्रतिशत इसका उपयोग कर रहे हैं। हालाँकि इन देशों में नौकरी तलाशने वाले इसका विरोध कर रहे हैं और ब्रिटेन में 41 प्रतिशत, अमेरिका में 30 प्रतिशत, और कनाडा में 42 प्रतिशत नौकरी तलाशने वालों ने बताया कि वे वर्तमान में एआई का उपयोग नहीं करते हैं।

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