Kanpur Farmer Suicide Case: बेटियां बोलीं, तीन माह हो गए, न्याय नहीं मिला, पुलिस कमिश्नर और संयुक्त पुलिस आयुक्त के सामने फूटा दर्द

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में पुलिस कमिश्नर और संयुक्त पुलिस आयुक्त के सामने फूटा दर्द।

कानपुर में पुलिस कमिश्नर और संयुक्त पुलिस आयुक्त के सामने फूटा दर्द। किसान बाबू सिंह की बेटियां ने कहा कि तीन माह हो गए। न्याय नहीं मिला।

कानपुर, अमृत विचार। चकेरी के किसान बाबू सिंह यादव की आत्महत्या के मामले में 83 दिन बाद भी एक लाख के इनामिया और चार अन्य आरोपी आज तक फरार हैं। किसान की बेटियां फिर पुलिस कमिश्नर और संयुक्त पुलिस आयुक्त से मिलीं। उनका कहना था कि तीन माह हो गए अब तक उनको न्याय नहीं मिला है। उनके साथ अन्याय हो रहा है। 

न्याय संघर्ष समिति के संयोजक अभिमन्यु गुप्ता के साथ शुक्रवार को किसान की बेटी रूबी, काजल, मां बिटान पुलिस कमिश्नर डॉ आर के स्वर्णकार से मिलीं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में प्रियरंजन ने शपथ पत्र दाखिल किया गया है कि वह लगातार पुलिस के संपर्क में था और 13 सितंबर की शाम को किदवई नगर में एक मित्र के निवास पर बाबू सिंह यादव मामले के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर चकेरी से दो घंटे मिला था।

इस बात से वे लोग बेहद आहत हैं। कहा कि तीन महीनों में अन्याय हुआ है या शपथ पत्र में सब कुछ झूठ है। बेटियों ने यह भी पूछा कि जब 10 सितंबर को गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका था तो क्या मुख्य आरोपी जांच अधिकारी के साथ 13 सितंबर को बैठ सकता है।

बेटियों ने यह भी कहा की यदि शपथ पत्र झूठा है तो मुख्य आरोपी प्रियरंजन पुलिस पर ऐसे संगीन आरोप लगाने का दुस्साहस कैसे कर रहा है। कहा कि आखिर उसे किसका संरक्षण प्राप्त है। परिजनों ने कहा कि फरार चारों आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर गैंगस्टर की कार्रवाई की जाए।

अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। चाहे आरोपी ने फिर से झूठा शपथ पत्र दिया हो या उसके द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोप सही हों तो दोनों ही तरह से अन्याय तो किसान परिवार के साथ ही हो रहा है। इस पर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कमिश्नर के नाते यह उनके लिए अपमानजनक है कि पुलिस पर ऐसे आरोप कैसे लगे।

अभिमन्यु के अनुसार पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इस बात से बेहद आक्रोशित हूं कि ऐसा दुस्साहस क्या सोच कर किया गया। पुलिस कमिश्नर ने कहा की यह बिलकुल झूठ है। वहीं संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि प्रियरंजन का पुलिस से मिलने का दावा बिलकुल झूठा है। प्रियरंजन ने जिस दोस्त के साथ होने का दावा किया उसने भी मना किया है कि प्रियरंजन के साथ आईओ से नहीं मिला।

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