लखनऊ: नेशनल कांफ्रेंस में बोले डॉक्टर- कैंसर की बीमारी में फायदेमंद हैं यूनानी दवाएं, साइड एफेक्ट भी है कम!

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
On

लखनऊ, अमृत विचार। यूनानी प्राचीनतम व दोष रहित प्रभावी भारतीय चिकित्सा पद्धति है। नेशनल यूनानी डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से उठाए गए मुद्दों में से सरकार ने ज्यादातर मांगों को पूरा कर दिया है। यह कहना है आयुष विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी का। प्रमुख सचिव रविवार को नेशनल यूनानी डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से आयोजित नेशनल कांफ्रेंस को संबोधित कर रही थी।

इस अवसर पर मुंबई से आए डॉक्टर मस्तान ने कहा कि यूनानी मेडिसिन के जरिए कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोका जा सकता है। इस पर शोध भी हुआ है। शोध के परिणाम काफी बेहतर आए हैं, हालांकि उन्होंने इस पर अभी और काम करने की जरूरत बताई है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि युनानी मेडिसिन का साइड इफेक्ट भी काफी कम है। इसके अलावा हकीम इमामुद्दीन ने हार्ट की बीमारियों में युनानी मेडिसिन के फायदे बताएं हैं l

प्रमुख सचिव ने कहा कि बरेली कॉलेज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है यूनानी चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति भी हो गई है। यूनानी स्टाफ का नियमितीकरण हो गया है और यूनानी में पीजी की सीट बढ़ा दी गई है इसके अलावा अन्य मांगों को जल्द से जल्द पूरा कर दिया जाएगा।

रविवार को केजीएमयू स्थित अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में   नेशनल यूनानी कन्वेंशन व एग्जीक्यूटिव मीट और जनरल बॉडी मीटिंग का आयोजन किया गया। नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन नेशनल यूनानी डॉक्टर्स एसोसिएशन (NUDWA)  के बैनर तले किया गया था।

जिसमे प्रदेश व देश के सैंकड़ों यूनानी डॉक्टर, NUDWA के केंद्रीय, प्रादेशिक एवं जिला पदाधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। जिनके बीच NUDWA के जनरल सेक्रेटरी डा एस एस अशरफ तथा कोषाध्यक्ष डा अतीक अहमद ने NUDWA की वार्षिक रिपोर्ट एवं आय व्यय का लेखा जोखा प्रस्तुत किया तथा एक्जीक्यूटिव मीटिंग में लिए गए निर्णयों से सभी सदस्यों को अवगत कराया। जिस पर ध्वनि मत से हाथ उठाकर सभी सदस्यों ने अपनी सहमति जताई।

जीबीएम की अध्यक्षता करते हुए NUDWA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा एस मुईद अहमद ने NUDWA के अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए NUDWA पदाधिकारियों का आवाह्न किया कि यूनानी के प्रसार प्रचार के लिए फ्री यूनानी मेडिकल कैंप, सेमिनार, सिंपोजियम आदि का आयोजन करके आम जनमानस को यूनानी की तरफ आकर्षित करें तथा अन्य यूनानी चिकित्सकों से NUDWA से जुड़ने की अपील करते हुए NUDWA का विस्तार पूरे देश में करने पर बल दिया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मौजूदा दौर में यूनानी की ज़रुरत पर रौशनी डाली। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो यूनानी पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए और ठोस कदम उठाये जैसे यूनानी के मंडल अधिकारी जल्द से जल्द नियुक्त किए जाएं और आयुर्वेद यूनानी चिकित्सकों की लंबित मांग आइवी फ्लूइड की अनुमति प्रदान की जाए।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉ अब्दुल वहीद, निदेशक, यूनानी सेवाएं, डॉ नफासत अली अंसारी, प्रिंसिपल, स्टेट तकमिल उत्तिब कॉलेज एवम हॉस्पिटल, डॉ. अब्दुल हलीम- प्रिंसिपल इरम यूनानी मेडिकल कॉलेज, प्रो. सिराजुद्दीन प्रिंसिपल डॉ. अब्दुल अली तिब्बिया कॉलेज, डॉ. अरशद अली- निदेशक डॉ. अब्दुल अली तिब्बिया कॉलेज, डॉ. मोहम्मद आरिफ, निदेशक हयात यूनानी मेडिकल कॉलेज, प्रो. अब्दुल क़वी स्टेट तकमिल उत्तिब कॉलेज, प्रो. मुफीद अहमद, प्रो. खालिद सिद्दीकी, मोहम्मद खालिद, सचिव ईशु एवं युनानी की सभी प्रमुख एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

आयोजन का संचालन कर रहे डॉ सलमान खालिद व डा. आमिर जमाल ने बताया कि इस आयोजन में हैदराबाद से डॉ. मोहम्मद फारूकुल इस्लाम "Ovarian Cyst- Type and Management in Unani System of Medicine" पर व्याख्यान दिया। चेन्नई से प्रो. डॉ. हकीम सय्यद इमामुद्दीन अहमद "Role of Unani Medicine in coronary Artery diseases" पर लेक्चर दिया। 

मुंबई से डॉ. मस्तान अकबर शेख "Cancer- New Hope with Unani Medicine" पर व्याख्यान दिया। वहीं कालीकट से आए डॉ. केटी अजमल ने "Unani As Super Specialization" विषय पर अपना व्याख्यान दिया।

यह भी पढ़ें: प्रयागराज: तीन राज्यों में भाजपा की जीत पर नेताओं व कार्यकर्ताओं ने जमकर मनाया जश्न, छोड़े पटाखे, बांटी मिठाई

संबंधित समाचार