मेघालय की लाकाडोंग हल्दी को मिली जीआई पहचान 

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Published By Om Parkash chaubey
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शिलांग। मेघालय की लाकाडोंग हल्दी को भौगेलिक संकेतक (जीआई) पहचान प्रदान की गयी है। राज्य की कृषि मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, लाकाडोंग हल्दी के साथ-साथ गारो डाकमांडा (पारंपरिक पोशाक), लारनाई मिट्टी के बर्तन और गारो चुबिची (मादक पेय) को भी जीआई पहचान प्रदान की गई है। लिंगदोह ने कहा कि जयंतिया हिल्स के लाकाडोंग क्षेत्र में पाई जाने वाली इस हल्दी में उच्च करक्यूमिन तत्व होता है।

उन्होंने कहा कि जीआई पहचान किसानों को विपणन में मदद तथा ग्राहकों को प्रामाणिक उत्पाद तक पहुंच प्रदान करेगी। मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ''हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि लाकाडोंग हल्दी को जीआई पहचान प्रदान की गयी है।''

उन्होंने जीआई पहचान को लेकर पहल करने वाले हितधारकों को धन्यवाद दिया। लाकाडोंग हल्दी को दुनिया की सबसे अच्छी हल्दी की किस्मों में से एक माना जाता है, जिसमें करक्यूमिन की मात्रा लगभग 6.8 से 7.5 प्रतिशत होती है। इसका रंग गहरा होता है और इसे जैविक रूप से उगाया जाता है। 

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