लखनऊ विश्वविद्यालय में भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की हालत बिगड़ी, छूटी परीक्षा कराये जाने की मांग
अमृत विचार लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में पिछले तीन दिनों से परीक्षा छूटने से नाराज छात्र धरने पर बैठे हैं। वहीं भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है। इसमें छात्रों की हालत बिगड़नी शुरू हो गई है। इन छात्रों का ब्लेडप्रेशर चेक किया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनका एडमिट कार्ड जारी कर परीक्षा नहीं करायी जायेगी तब तक उनका विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल जारी रहेगी। छात्रों का कहना है कि उन्होंने लिखित रूप से पत्र भी दिया उस पर भी अमल नहीं किया गया है। छात्रों ने ये भी कहा कि कुलपति ने भी अभी तक सुध नहीं ली है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना कि कम उपस्थिति के कारण छात्रों का एडमिट कार्ड रोका गया था। हालांकि अब इसका समाधान क्या इस बारे में अभी विश्वविद्यालय की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है।

छात्र विंध्यवासिनी शुक्ला ने कहा, विवि प्रशासन से यही मांग है कि सभी छात्रों का प्रवेश पत्र जारी करे, जिससे वे परीक्षा दे सकें। वहीं छात्रों ने राज्यपाल के नाम संदेश पढ़ते हुए कहा, गवर्नर मैडम छात्र खुशी में धरना नहीं करते हैं। जब विवि तानाशाही और उत्पीड़न करता है तो ऐसा करना पड़ता है। गौरतलब है कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह में बीते दिनों हुई भूख हड़ताल पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि छात्रों को अच्छे और सामाजिक कायर्यों के लिए हड़ताल करनी चाहिए। इस पर छात्रों ने आपत्ति दर्ज कराई थी।

इनका रोका गया एडमिट कार्ड
विंध्यवासिनी शुक्ला, मंगेश यादव, आलोक मिश्रा, आकाश पांडेय, शशि प्रकाश, उत्कर्ष तिवारी, रितिक राय, प्रसन्न शुक्ला, रजत अग्रहरि, शैलेंद्र यादव। इनमें से बीए द्वितीय वर्ष के छात्र प्रसन्न शुक्ला की संस्कृत की परीक्षा छूट गई।
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