पीलीभीत : बाघ का मूवमेंट जानने गए और नए डीएफओ को झेलना पड़ा ग्रामीणों का विरोध, जानिए फिर क्या हुआ

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Published By Vishal Singh
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पीलीभीत, अमृत विचार। कलीनगर क्षेत्र में बाघ के मूवमेंट की जानकारी लेने पहुंचे नवागत डीएफओ को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। अनुमति मिलने के बाद भी बाघ न पकड़ने पर सपहा के ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए डीएफओ का घेराव किया। इस दौरान तीखी नोकझोंक भी हुई। इधर वन कर्मियों द्वारा जाल लगाने के कुछ देर बाद बाघ झाड़ियों से निकलकर गन्ने के खेत में जा घुसा। आक्रोशित ग्रामीणों ने गन्ने में खेत में पहुंचकर जमकर पटाखे दागे। बाघ देर शाम तक गन्ने के खेत में ही मौजूद था।

कलीनगर क्षेत्र के गांव सपहा में तीसरे दिन भी बाघ की मौजूदगी देखी गई। बाघ गांव से महज 200 मीटर की दूरी पर श्मशान घाट के समीप झाड़ियों में बैठा हुआ है। मौके पर सामाजिक वानिकी प्रभाग के वनकर्मी निगरानी करने में जुटे हैं। हालांकि बाघ को पकड़ने के लिए मुख्य प्रतिपालक वन्यजीव द्वारा अनुमति भी दी जा चुकी है, मगर जिम्मेदार सामाजिक वन प्रभाग बाघ को पकड़ने की कोई ठोस रणनीति न बनाकर महज बाघ की निगरानी में लगा हुआ है। इधर सामाजिक वानिकी प्रभाग के नवागत डीएफओ आरके सिंह शुक्रवार को बाघ के मूवमेंट की जानकारी लेने गांव सपहा पहुंचे। बाघ की मौजूदगी के चलते आसपास ग्रामीणों को हुजूम पहले से वहां मौजूद था। बताते हैं कि डीएफओ ने वन कर्मियों को झाड़ियों के तीन ओर जाल लगाने और एक तरफ से खुला रखने के निर्देश दिए।

इस बात की भनक जब ग्रामीणों को लगी तो वह आक्रोशित हो गए। गुस्साए ग्रामीणों ने डीएफओ का घेराव कर उन्हें खरीखोंटी सुनानी शुरू कर दी। इस दौरान जमकर नोकझोंक भी हुई। ग्रामीणों का कहना था कि जब शासन से बाघ को पकड़ने की परमीशन मिल चुकी है तो बाघ को पकड़ने में देरी क्यों की जा रही है। जबकि बाघ पिछले दो दिन से एक ही जगह पर डेरा जमाए हुए है। उनका कहना था कि यदि बाघ को जल्द न पकड़ा गया तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। बताते है कि ग्रामीणों का गुस्सा देख कुछ ही देर बाद डीएफओ वाहन में बैठकर रवाना हो गए।  

इधर डीएफओ के निर्देश पर वन कर्मियों ने बाघ की मौजूदगी वाले स्थान पर झाड़ियों के तीन ओर जाल लगा दिया। जाल लगाने के कुछ देर बाद ही बाघ झाड़ियों से निकलकर पास के ही एक गन्ने के खेत में जा घुसा। बताते हैं कि बाघ के पीछे ही ग्रामीणों का झुंड भी गन्ने के खेत में जा घुसा और जमकर पटाखे दागे। हालांकि कुछ देर बाद ही ग्रामीण खेत से बाहर निकल आए। बताते हैं कि बाघ अभी भी गन्ने के खेत में मौजूद है। इसको लेकर ग्रामीणों में खासी दहशत है।

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