पीलीभीत: नेपाली हाथी से नहीं मिला छुटकारा, अब खेतों में पहुंचा गैंडा...बचने को पेड़ पर चढ़ गए मजदूर

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Published By Vishal Singh
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पीलीभीत/पूरनपुर, अमृत विचार। नेपाली हाथियों के बाद अब गैंडों ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है। शनिवार को टाटरगंज के खेतों में गैंडा देख जाने से खेतों में काम रहे मजदूरों में हड़कंप मच गया। बताते हैं कि मजदूर जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ गए। काफी देर तक शोर शराबा करने पर गैंडा खेत से भागा। तब कहीं जाकर मजदूर नीचे उतरे।

नेपाल के सीमावर्ती गांव सिंघाड़ा उर्फ टाटरगंज के आसपास पिछले कई दिनों से एक गैंडा डेरा जमाए हुए है। शनिवार को गांव के समीप ही कुछ मजदूर गन्ने की फसल की छिलाई कर रहे थे। इस दौरान गैंडा गन्ने के खेत में पहुंच गया। गैंडा देखकर मजदूरों के होश उड़ गए।

जान बचाने के लिए सभी खेत में खड़े शीशम के पेड़ पर चढ़ गए। काफी देर तक गैंडा खेत में ही घूमता रहा। मजदूरों ने शोर शराबा कर उसे भगाया। जानकारी लगते ही काफी संख्या में ग्रामीण खेत पर पहुंच गए। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को दी।

बताया जा रहा यह गैंडा नेपाल की ओर से आया है। पिछले कई दिन से खेतों में गैंडे के देखे जाने से किसानों ने खेत पर जाना भी छोड़ दिया है। गत वर्ष पहले टाटरगंज गांव के एक ग्रामीण की गैंडे के हमले में मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने बताया कि सूचना के बाद भी खीरी वन प्रभाग की संपूर्णानगर रेंज के अधिकारी नहीं पहुंचे।

बताते हैं कि इस क्षेत्र में तीन गैंडे देखे जा रहे हैं। इधर बराही रेंज के रेंजर अरुण मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि चार दिन पूर्व हजारा क्षेत्र में नेपाल सीमा पर गैंडा देखे जाने की सूचना मिली थी। शनिवार को इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली है।

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