लखनऊ, रायबरेली समेत 30 जिलों के बीएसए को नोटिस, लापरवाही पर हुई कार्रवाई

Amrit Vichar Network
Published By Jagat Mishra
On

रायबरेली, अमृत विचार। सरकार की मंशा परिषदीय विद्यालयों में प्राइवेट स्कूलों की तरह सुविधाएं मुहैया कराने की है। इसी क्रम में कायाकल्प समेत तमाम योजनाओं के तहत बजट का आवंटन किया जा रहा है। वहीं जिम्मेदारों की हीलाहवाली के चलते कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसी ही लापरवाही पर अपर राज्य परियोजना निदेशक ने लखनऊ, रायबरेली समेत 30 जिलों के बीएसए को नोटिस जारी किया है। साथ ही लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश भी दिया है।

अपर राज्य परियोजना निदेशक मधुसूदन हुल्गी की ओर से लखनऊ, रायबरेली के अलावा आगरा, अम्बेडकर नगर, अमेठी, आजमगढ़, बागपत, बाराबंकी, बरेली, बलिया, भदोही, बिजनौर, बदायूं, देवरिया, फैजाबाद, फतेहपुर, गाजियाबाद, हापुड़, सहारनपुर, रामपुर, प्रयागराज, मुरादाबाद, जौनपुर, हरदोई, सम्भल, शाहजहांपुर, शामली, श्रावस्ती, सीतापुर और उन्नाव के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया है। 

पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यू-डायस के आधार पर चिन्हित 20169 परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किए जाने के लिए संबंधित जनपदों में 61357.65 लाख धनराशि की लिमिट जारी करते हुए व्यय किए जाने के लिए दिशा निर्देश दिए गए थे। छह दिसंबर को समीक्षा की गई। इसमें आगरा, बलिया और सम्भल द्वारा अभी तक रेजुवनेशन की धनराशि एसएमसी के खाते में अंतरित किए जाने का अनुमोदन जिलाधिकारी अध्यक्ष जिला शिक्षा परियोजना समिति से अनुमोदन नहीं प्राप्त किया गया। साथ ही रायबरेली समेत 27 जनपदों की अवशेष लिमिट के सापेक्ष अद्यतन तिथि तक प्रबंधन पोर्टल पर व्यय शून्य प्रदर्शित है। ऐसे में भारत सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। अवशेष लिमिट का व्यय नहीं करने पर कठोरतम कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। अपर राज्य परियोजना निदेशक मधुसूदन हुल्गी के सख्त निर्देश दिया कि अगर तय समय पर विद्यालयों के कायाकल्प का कार्य पूरा करें नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। जल्द जिलों में टीमें भेजकर स्थलीय जांच कराई जाएगी।

ये भी पढ़ें -दो दिवसीय दौरे आज वाराणसी पहुंचेंगे PM मोदी, कई परियोजनाओं की देंगे सौगात

संबंधित समाचार