PAC स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम योगी, कहा - गौरवशाली रहा है आपका इतिहास
लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी लखनऊ के महानगर स्थित 35वीं वाहिनी पीएसी मुख्यालय में रविवार को उत्तर प्रदेश पीएसी का स्थापना दिवस मनाया गया। पीएसी स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए। उत्कृष्ठ कार्य करने वाले जवानों को सम्मानित भी किया। इसके अलावा उन्होंने पीएसी परिसर में लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। जिसमें हथियार और पीएसी के इतिहास से जुड़ी चीजें दर्शाया गया है। वहीं इस मौके पर पीएसी जवानों ने परेड के माध्यम से सीएम योगी को सलामी दी। साथ ही पीएसी के जवानों ने अपने शौर्य और पराक्रम से हैरतअंगेज कारनामे दिखाए।
वहीं पीएसी स्थापना दिवस के अवसर पर सीएम योगी ने पीएसी के जवानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पीएसी का अपना एक गौरवशाली इतिहास है। 17 दिसंबर 1947 को मिलिट्री पुलिस का नाम बदलकर पीएसी किया गया और उस समय यूनाइटेड प्रोविंस प्रोविशनल आर्म्स कांस्टेबुलरी एक्ट 1948 के तहत इसका विधिवत गठन हुआ। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश पीएसी के लगभग 40 हजार कार्मिक पूरी निष्ठा और तत्परता से निर्वहन करते हुए यूपी में कानून व्यवस्था बेहतर बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। पीएसी यूपी में सभी धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को सकुशल सम्पन्न कराती है बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस से जुड़े प्रतिष्ठानों में भी पीएसी के जवान बहादुरी के साथ अपनी जिम्मेदारी निर्वहन कर रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि किसी भी बल की छवि उस बल के जवानों के शौर्य और पराकर्म से बनती है और यूपी पीएसी का इतिहास इस दृष्टि से सदैव स्वर्णाक्षरों से लिखा जायेगा। उन्होंने कहा कि साल 2001 में जब देश की संसद में हमला हुआ था। उस समय उत्तर प्रदेश पीएसी के जवानों के पराक्रम के कारण उस हमले को निष्फल करने में सफलता प्राप्त हुई थी। उन सभी हमलावरों को इन बहादुर जवानों ने अपने शौर्य और ताकत से मार गिराकर उनके मनसूबों पर पानी फेरने का काम किया। इसके अलावा देश की आस्था के प्रतीक रामजन्म भूमि पर जब आतंकी हमला हुआ तब भी उस हमले को निष्फल करने का काम पीएसी ने किया।
सीएम योगी ने आगे कहा कि यूपी पीएसी के गौरवशाली कार्यों और प्रदेश में बेहतर सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने का पीएसी का योगदान बहुत ही संकीर्ण सोच के दायरे में लाने का प्रयास हुआ है। आज भी जब देश में कहीं पथराव या चुनाव होता है तो यूपी पीएसी की डिमांड होती है। लेकिन वह कुंचित सोच का परिणाम था कि यूपी में 46 ऐसी कंपनियों को समाप्त कर दिया गया। लेकिन आज मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि पीएसी के इस गौरवशाली अतीत को देखते हुए उनके नेशन फर्स्ट की मियाद को देखते हुए पीएसी की कुल 33 बटालियन में 273 कंपनियां क्रियाशील हो गई हैं और वर्तमान में 41893 आरक्षी और 698 प्लाटून कमांडरों की भर्ती हमारी सरकार ने पूरा किया। साथ ही पीएसी में पदोन्नति के अधिक अवसर उपलब्ध हो इसके लिए यूपी सरकार ने सशस्त्र पुलिस बल में 184 निरीक्षकों और 3472 उप निरीक्षकों में वृद्धि की गई। इसके अलावा विभागीय प्रोन्नति के तहत 257 उप निरीक्षक, 3558 मुख्य आरक्षी और 12774 आरक्षियों को भी प्रोन्नति प्रदान की गई।
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