रेलवे के आधुनिकीकरण, नवीनीकरण से ट्रेनों की बढ़ेगी स्पीड:रेल संरक्षा आयुक्त
लखनऊ अमृत विचार। रेल संरक्षा आयुक्त उत्तर परिमंडल दिनेश चंद देशवाल ने रविवार को शाहगंज-तुलसीनगर रेलखंड पर नवनिर्मित 17.91 किमी. रेलपथ के दोहरीकृत एवं विद्युतीकृत रेल मार्ग के कार्य का निरीक्षण किया । रेल संरक्षा आयुक्त ने बताया कि रेलवे के आधुनिकीकरण,नवीनीकरण की दिशा में इस रेलखण्ड के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण होने से रेल परिचालन सुविधाजनक हो जाएगा। गाड़ियों की क्रासिंग न होने के कारण परिचालन समय में बचत होगी, जिससे गाड़ियां तीव्र गति से चलेंगी । अधिक से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा।
बाराबंकी से जौनपुर रेलखंड वाया अकबरपुर (237.65 किलोमीटर) में रेलपथ के दोहरीकरण,विद्युतीकरण सबंधी कार्यों के तहत दर्शंनगर- अकबरपुर 48.96 किमी. और शाहगंज-जौनपुर रेल मार्ग पर 33.34 किमी, रुदौली-सोहावल के बीच 22.84 किमी, सफदरगंज से रसौली 10.94 किमी. अयोध्या जं.-दर्शननगर रेलखंड पर नवनिर्मित 4.90 किमी के रेल मार्ग के दोहरीकरण,विद्युतीकरण की कमीशनिंग का कार्य पहले ही संपन्न किया जा चुका है । इस दोहरीकृत ,विद्युतीकृत रेलपथ पर रेल परिचालन भी शुरु हो गया है । दोहरीकरण,विद्युतीकरण के कार्य की स्वीकृति के उपरांत बाराबंकी से जौनपुर रेलखंड पर कुल 153.38 किमी का रेल मार्ग दोहरीकृत,विद्युतीकृत हो जायेगा जहां इस नये रेल मार्ग पर परिचालन संभव हो सकेगा ।
रेल संरक्षा आयुक्त ने रेलमार्गो का किया निरीक्षण,ट्रेन संचालन को लेकर दिये निर्देश
शाहगंज-तुलसीनगर रेलखंड पर नवनिर्मित कार्यों को देखने के साथ ली जानकारी
निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त उत्तर परिमंडल दिनेश चंद देशवाल ने शाहगंज ,बिलवई,तुलसीनगर स्टेशनों का निरीक्षण करते हुए स्टेशन पर पैनल रूम ,संरक्षा अभिलेखों, संरक्षा संबंधी कार्यालयों, संरक्षा के सभी आवश्यक मानकों, संसाधनों, उपकरणों की जानकारी ली ।

उन्होंने रेलपथ समेत अन्य समस्त आवश्यक प्रक्रियाओं का ट्राली द्वारा शाहगंज-बिलवई-तुलसीनगर के मध्य गहनता से निरीक्षण किया मार्ग में पड़ने वाले,समपार फाटकों , क्रासिंग , ओएचई ,टर्न आउट, सिग्नलिंग व्यवस्था,रेलपथ की संरक्षा की व्यवस्थाओं को देखने के साथ रेल संचालन को लेकर कई आवश्यक निर्देश दिये ।
शाहगंज-बिलवई-तुलसीनगर के बीच स्पीड ट्रायल किया । निरीक्षण के दौरान अपर मंडल रेल प्रबंधक सचिन वर्मा ,मुख्य अभियंता (निर्माण) ऐ. के. सिंघल रहे।
