पीलीभीत: धार्मिक स्थल के पास सजा दीं मांस की दुकान, जिम्मेदार बोले- हम तो वसूल रहे लाइसेंस शुल्क, जगह नहीं की अलॉट..जानिए पूरा मामला
पीलीभीत, अमृत विचार। धार्मिक स्थल के नजदीक मांस की ब्रिकी पर प्रतिबंध के नियमों का पालन पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है। नगर पंचायत नौगवां पकड़िया में चल रही मछली बाजार और मीट शॉप को लेकर सवाल उठ रहे हैं। बताते हैं कि इसके नजदीक में ही धार्मिक स्थल भी है। मगर जिम्मेदार इससे अंजान बने हुए हैं।
धार्मिक स्थल के पास और खुले में मांस की बिक्री को लेकर शासन स्तर से सख्त निर्देश दिए गए हैं। प्रशासनिक स्तर पर भी पूर्व में कई बार कार्रवाई की जा चुकी है। मगर, समय के साथ ही इसकी निगरानी करने में जिम्मेदार बेपरवाह होने लगे हैं।जिसके चलते सख्ती के बाद अपनाए गए नियमों का पालन एक बार फिर धरातल पर होता दिखाई नहीं दे रहा है। बता दें कि रेलवे स्टेशन तिराहा से बरहा जाने वाले मार्ग पर पहले अवैध तरीके से मछली मंडी लगा करती थी। छह माह पूर्व रेलवे ने सख्ती की।
अवैध तरीके से रेलवे की जमीन पर काबिज 80 अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिए थे। कुछ ने राजनीतिक शरण ली तो कई ने खुद ही अतिक्रमण कर लगाई गई दुकानें हटा ली थी।इसके बाद जेसीबी से अवैध कब्जे हटवा दिए गए थे। उधर, असम चौराहा पर फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर एक मंदिर जद में आ गया था। उसे लेकर कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो मंदिर को टाइगर तिराहा के पास स्थापित कराया गया था।
अब जिस जगह पर मंदिर बना हुआ है, उसके सौ मीटर से कम दायरे में ही मछली बाजार सजने लगा है। सामने की तरफ भी मछली की दुकानें खुली हुई है। ऐसे में अब इसे लेकर भी विरोध सामने आने लगा है। यह मछली बाजार वैध या अवैध तरीके से लगाया जा रहा है। इससे हटकर सवाल ये उठाए जा रहे हैं कि मंदिर के पास मछली बाजार कैसे शुरू करा दिया गया है। स्थानीय नागरिक भी इसे लेकर आपत्ति जता रहे हैं।
नगर पंचायत नौगवां पकड़िया से मछली बाजार को लेकर सिर्फ लाइसेंस शुल्क वसूला जा रहा है। मछली बाजार लगाने के लिए कोई जगह अभी तक नहीं दी गई है। धार्मिक स्थल के पास मछली बाजार लगने का मामला संज्ञान में नहीं है। इसे दिखवाया जाएगा। - विजय कुमार, प्रभारी ईओ
