मुरादाबाद : अब गोबर से 20 किलोवाट बिजली बनाने की तैयारी में निगम
मुरादाबाद,अमृत विचार। मैनाठेर स्थित कान्हा गोशाला की 12 एकड़ भूमि को जगमग करने के लिए 20 केवी बिजली का उत्पादन हो सकेगा। बायोगैस प्लांट से इस बिजली को तैयार किया जाएगा। यह प्लांट अब पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। इसमें 20 केवी का जेनरेटर स्थापित किया गया है जिससे बनने वाली बिजली …
मुरादाबाद,अमृत विचार। मैनाठेर स्थित कान्हा गोशाला की 12 एकड़ भूमि को जगमग करने के लिए 20 केवी बिजली का उत्पादन हो सकेगा। बायोगैस प्लांट से इस बिजली को तैयार किया जाएगा। यह प्लांट अब पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। इसमें 20 केवी का जेनरेटर स्थापित किया गया है जिससे बनने वाली बिजली गोशाला में प्रकाश व अन्य कार्यों के लिए सप्लाई की जाएगी।
हालांकि, सारी तैयारियां पूरी होने के बावजूद बिजली तैयार होने में तीन सप्ताह लग जाएंगे। पूरी तरह प्रेशर तैयार होने के बाद बिजली उत्पादन शुरू हो पाएगा। नगर निगम की मैनाठेर स्थित गोशाला में करीब ढाई सौ गोवंश आ चुके हैं। गोवंश के माध्यम से गोबर की समस्या निगम के लिए अब नहीं रही है। जेई अखिलेश सिंह ने बताया कि बायोगैस प्लांट में गोवंश का गोबर प्रयोग किया जाएगा।
गोबर गैस को बिजली में एक अत्याधुनिक मशीन द्वारा कनवर्ट किया जाएगा। उसके बाद उत्पादित बिजली को जेनरेटर तक पहुंचाया जाएगा। जेनरेटर के माध्यम से बिजली गोशाला को रोशन करेगी। गोशाला में तीन केवी बिजली की आवश्यकता है। बाकी बिजली के प्रयोग को लेकर भी योजना बनाई जा रही है। गोशाला में सौ पंखे और साठ लाइटें लग चुकी हैं जिन्हें इस बिजली से चलाया और जलाया जाएगा। लाकडाउन के कारण इस प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग गया था पर अब इसे पूरा कर लिया गया है।
एक नजर प्रोजेक्ट पर
1.73 करोड़ रुपये में तैयार हुई थी गोशाला
18 लाख रुपये में तैयार हुआ बायोगैस प्लांट
12 एकड़ में है कान्हा गोशाला
250 के करीब गोवंश हैं गोशाला में
20 केवी का जेनरेटर किया गया है स्थापित
10 से 12 केवी बिजली का हो सकेगा उत्पादन
3 केवी बिजली की गोशाला को है जरूरत
100 पंखे और 60 लाइटें लगी हैं गोशाला में
विधुत विभाग को भी बेची जा सकती है बिजली
मैनाठेर स्थित कान्हा गोशाला में बायोगैस प्लांट से 10 से 12 केवी बिजली का उत्पादन हो सकेगा लेकिन इतनी बिजली की जरूरत गोशाला को नहीं है। जेई अखिलेश सिंह ने बताया कि गोशाला को मात्र तीन केवी बिजली की आवश्यकता है। बाकी बिजली के प्रयोग को लेकर बिजली विभाग से भी बात की जा चुकी है।
विधुत बोर्ड को यह सुझाव दिया गया था कि उनके पास साधन हैं। यदि वह प्लांट से बिजली लेता है तो उसे आगे सप्लाई दे सकता है। निगम के साथ एक समस्या यह आ रही है कि जिस गोशाला में यह प्लांट है वहां आसपास कोई बस्ती या उद्योग नहीं है। यही वजह है कि बकाया बिजली की आपूर्ति नहीं की जा सकती। अगर बिजली विभाग तैयार हो जाता है तो यह एक अच्छी पहल होगी।
गैस तैयार करने की भी है योजना
बिजली के उत्पादन के अलावा नगर निगम की गैस उत्पादन की भी योजना है। जेई अखिलेश सिंह ने बताया कि गैस कनवर्टर लगाकर गैस उत्पादन किया जा सकता है। भविष्य में इसे लेकर योजना बनाई जा रही है। इससे गैस सिलेंडर भी तैयार किया जा सकेगा।
संजय चौहान, नगर आयुक्त ने बताया कि गोशाला में बायोगैस प्लांट तैयार हो गया है। जेनरेटर भी स्थापित कर दिया गया है। बिजली उत्पादन जल्उ शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं। नगर निगम का यह एक अच्छा प्रयास साबित होगा।
