SGPGI : पहले आग और अब व्यवस्था दे रही दर्द, परिजन बोले-  बच्चा तो रहा नहीं, जमा पैसा वापस पाने के लिए भटक रहे हम 

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Published By Jagat Mishra
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वीरेंद्र पांडेय / लखनऊ, अमृत विचार। बच्चा तो हमारा अब रहा नहीं, उसके इलाज के लिए करीब 80 हजार रुपए जमा किए थे। डॉक्टर ने कहा था कि पहले पैसा जमा कर दीजिए,जब आयुष्मान कार्ड से भुगतान हो जाएगा तब आपका पैसा वापस कर दिया जाएगा, आयुष्मान कार्ड से पैसा भी आ गया, लेकिन जो पैसा हम लोगों ने जमा किया था, वह वापस नहीं मिला। बाद में पैसा देने की बात कह रहे हैं। यह आरोप राम सुजान यादव ने लगाया है। राम सुजान यादव उस बच्चे के परिजन है। जिसने एसजीपीजीआई में हुए हादसे में जान गंवाई है। हालांकि इस मामले में एसजीपीजीआई प्रशासन का कहना है कि जल्द ही मामले की जानकारी कर परिजनों की हर संभव मदद की जाएगी।

दरअसल,संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्वेद विज्ञान संस्थान में सोमवार को बड़ा हादसा हो गया था। आग लगने से एक 26 वर्षीय महिला और एक महीने के बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई थी। नेहा और बृजभूषण यादव ने अपने 1 माह के बच्चे को बीते 11 दिसंबर को इलाज के लिए एसजीपीजीआई के सीवीटीएस विभाग में भर्ती कराया था।

पीड़ित परिवार के राम सुजान यादव ने बताया कि बहुत मुश्किल से हमने पैसा इकट्ठा कर बच्चों के इलाज के लिए जमा किया था। सर्जरी के एक दिन पहले ही पैसे का इंतजाम हो पाया था। हालांकि बाद में आयुष्मान कार्ड का भी पैसा आ गया और करीब 2 लख रुपए जमा भी हो गए। अब उनका जमा किया हुआ करीब 80 हजार रुपए उन्हें वापस चाहिए। जिसके चलते वह बीती रात से काउंटर दर काउंटर भटक रहे हैं। कोई कहता है यहां चले जाओ कोई कहता है वहां चले जाओ, लेकिन हमारा काम कहां से होगा यह बताने वाला कोई नहीं। आज बच्चे का पोस्टमार्टम होना है। उसके बाद अब हम चले जाएंगे और फिर एसजीपीजीआई क्या अपने पैसे के लिए दौड़ते रहेंगे।

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