SGPGI Lucknow Fire: बहन ओटी में बेहोश थी, डॉक्टर छोड़ कर भाग गए, पीड़ित भाई ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में सोमवार को हुए अग्निकांड में तैयबा (26) नाम की महिला ने अपनी जान गवां दी। महिला के भाई तालिब हसन ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की है। तालिब ने आरोप लगाते हुए बताया है कि सोमवार सुबह इंडो सर्जरी की ओटी में उनकी बहन तैयबा को सर्जरी के लिए ले जाया गया था। वहां मौजूद डॉक्टरों ने उसकी सर्जरी शुरू की।

तालिब के मुताबिक दूरबीन विधि से सर्जरी की जा रही थी। आग उसी ओटी में लगी थी जिस में तैयबा की सर्जरी हो रही थी।सर्जरी तकरीबन पूरी हो गई थी,जब आग लगने की घटना हुई। तालिब ने बताया कि उसके बाद डॉक्टर और वहां मौजूद अन्य कर्मचारी ओटी से भाग गए और करीब 4 : 30 घंटे बाद बताया गया कि तुम्हारा मरीज अब नहीं रहा।

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हालांकि एसजीपीजीआई प्रशासन ने कहा है कि 24 मरीजों को डॉक्टर और नर्सो ने अपनी जान पर खेल कर बचाया है। मरीज को बचाने में डॉक्टर और कर्मचारी लगे रहे। जिसमें एक डॉक्टर तथा एक नर्सिंग ऑफिसर बेहोश भी हो गई और उन्हें भर्ती कर इलाज देना पड़ा है।

एसजीपीजीआई के निदेशक डॉक्टर आरके धीमान ने बताया है कि इस हादसे मे अपनी जान पर खेलकर मरीजों को वहां से निकालने , उन्हे तुरंत दूसरे स्थान पर स्थानान्तरित कर उपचार की निरंतरता बनाये रखने का जो उदाहरण हमारे संस्थान परिवार के सदस्यों ने प्रस्तुत किया है, वह प्रशंसनीय है। इनमें  हमारे चिकित्सक, नर्सिंग ऑफिसर,  तकनीशियन, गार्ड, पेशेन्ट हेल्पर सभी शामिल रहे है।

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