पीजीआई अग्निकांड: तैय्यबा का परिवार बोला- मॉनीटर में लगी थी आग, भागा स्टाफ, शिकायत पर मची खलबली 

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

पीलीभीत,अमृत विचार : पीजीआई  लखनऊ के ऑपरेशन थियेटर में लगी आग से शहर की रहने वाली तैय्यबा की मौत हो गई थी। युवती की मौत के बाद परिवार में गम के साथ ही आक्रोश है। उनका कहना है कि युवती की मौत के जिम्मेदार ओटी में ऑपरेशन के दौरान मौजूद डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ है। जब आग लगी थी, तो वह मरीज को अंदर छोड़कर ही भाग गए। अगर तैय्यबा को समय रहते निकाला जाता, तो शायद जान बच जाती।

मृतका के भाई ने मुख्यमंत्री पोर्टल और निदेशक पीजीआई से शिकायत दर्ज कराते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मंगलवार को परिवार में मातम छाया रहा। शहर के मोहल्ला अशरफ खां निवासी तालिब हसन खां ने बताया कि उनके पिता नगरपालिका में पंप ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी 26 वर्षीय बहन तैय्यबा लंबे समय से एक्यूट पैनक्रियाज टाइटिस से ग्रसित चल रही थी।

लोकल स्तर पर चले इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। उसे पीजीआई लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था। वहां उनका दो माह से इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने सोमवार को ऑपरेशन करने का निर्णय लिया था। सोमवार को तैय्यबा का ऑपरेशन के लिए ओटी में ले जाया गया। जहां ऑपरेशन चल रहा था। तभी अचानक ओटी में लगे मॉनीटर में आग लग गई।

आग की लपटे देखकर ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर और अन्य स्टाफ वहां से भाग खड़ा हुआ। देखते ही देखते आग  फैलती चली गई। जिसमें झुलसने की वजह से तैय्यबा की मौत हो गई। इसकी मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें पीजीआई के  डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से हादसा बताया है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई केकरने की मांग की है। तैय्यबा की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा रहा।

मुख्यमंत्री कार्यालय से मांगी गई परिवारिक जानकारी: पीजीआई में हुए अग्निकांड में तैय्यबा की मौत का मामला तूल पकड़ने लगा है। इस मामले में भाई की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय भी गंभीर है। तैय्यबा की मौत के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से डीएम से रिपोर्ट मांगी गई है। कयास लगाए जा  रहे है कि मृतका के परिवार को मुआवजा देने की कवायद की जा रही है।

इसे लेकर क्षेत्रीय लेखपाल को मोहल्ला अशरफ खां और नगरपालिका कार्यालय से डेटा एकत्र करने के लिए मंगलवार को भेजा गया। जिसमें जानकारी मांगी गई कि मृतका के परिवार में कौन-कौन है। परिवार की क्या स्थिति है। उसकी रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी गई है।

बेटी के इलाज को मेडिकल क्लेम को भी किया था आवेदन: परिजन की मानें तो  नगरपालिका में पंप ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हसन ने बेटी के इलाज के लिए नगरपालिका में मेडिकल क्लेम (चिकित्साप्रतिप्रर्ति ) के लिए आवेदन किया था। लेकिन उस पर भी कोई सुनवाई नहीं की गई।

 नगरपालिका की ओर से भी उनकी चिकित्साप्रतिपूर्ति के आवेदन पर कोई  ध्यान नहीं दिया। इसको लेकर उनके बेटे हसन ने आईजीआरएस भी पोर्टल पर अपलोड किया था। परिजन की मानें तो अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई है। हालांकि नगरपालिका के अफसर और कर्मचारी इस पूरे मामले से अनभिज्ञता जता रहा है।

ये भी पढ़ें - पीलीभीत :आर्गेनिक शहद का उत्पादन कर आत्मनिभर्रता की इबारत लिख रहे तराई, मिल रहा सम्मान के किसान

संबंधित समाचार