KGMU foundation day : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले- त्रिपुरा और यूपी मिलकर चिकित्सा के क्षेत्र में कर सकते हैं काम

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Published By Jagat Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि भारत ने चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता पाई है। जिसमे केजीएमयू का अहम योगदान रहा है। कोविड में भारत की चिकित्सा व्यवस्था को पूरी दुनिया ने देखा है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने यह बातें केजीएमयू के 119 वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में कहीं। कार्यक्रम का आयोजन केजीएमयू स्थित अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में किया गया।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा जगत में केजीएमयू का पूरी दुनिया में बहुत बड़ा नाम है। 119 वर्षो में केजीएमयू ने रोज नए कीर्तिमान गढ़ने का काम किया है। इस अवसर पर उन्होंने केजीएमयू प्रबंधन को सरकार की तरफ से हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया है। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कार्यक्रम में उपस्थित त्रिपुरा के मुख्य्मंत्री डाक्टर माणिक साहा को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी और त्रिपुरा मिलकर चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा काम करेंगे।


केजीएमयू का नाम बदलने की तरफ इशारा कर गए मंत्री मायंकेश्वर शरण सिंह 
यूपी सरकार के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि त्रिपुरा में 35 वर्षों तक कम्युनिस्ट की सरकार थी,लेकिन आपके जार्जियन ने वहां जाकर कम्युनिस्ट शासन को समाप्त कर दिया और खुद मुख्यमंत्री बने। इस बात से समझ सकते हैं कि एक जॉर्जियन क्या कुछ नहीं कर सकते।

इस अवसर पर राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि कुछ वर्षों पहले आपके विश्वविद्यालय का नाम बदल दिया गया था। उसके बाद विरोध भी हुआ। आज हम सबको यह सोचना पड़ेगा कि इस नाम को कब तक ढोएंगे ।  जब केजीएमसी की स्थापना हुई थी तो करीब 10 लाख से अधिक का खर्च आया था। इंग्लैंड की सरकार ने इस कालेज के निर्माण में एक भी पैसा नहीं खर्च किया था, बल्कि उस समय अवध  और आगरा के राजाओं ने मिलकर कॉलेज का निर्माण कराया था। अंग्रेजों ने हमारे देश में करीब 200 सालों तक शासन किया, लेकिन विकास कार्यों में एक भी पैसा ब्रिटिश सरकार का खर्च नहीं हुआ। भारत के पैसे से ही भारत का विकास हुआ। इतना ही नहीं भारत के धन को ब्रिटिश सरकार अपने साथ ले गई और इंग्लैंड को बनाने का काम किया।  वहीं देश को गरीब करने का काम इंग्लैंड की ब्रिटिश सरकार ने ही किया था। अब हम लोगों कोगुलामी की मानसिकता से निकलने की जरुरत है। इस अवसर पर डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर व 63 मेधावियों को सम्मानित किया गया है।

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