कासगंज: अविश्वसनीय- जीते जी बुजुर्गों जैसी सेवा, बैलों की मौत के बाद पितरों सा सम्मान, मध्यप्रदेश से अस्थि विसर्जन करने पहुंचा पशु पालक
कासगंज, सोरोंजी, अमृत विचार : जहां एक ओर आधुनिक युग में खेतीबाड़ी का यंत्रीकरण हो गया है। दो बैलों की जोड़ी अब बीते दिनों की बात होती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ बैलों से अथाह प्रेम और पितरों जैसे सम्मान का एक अनूठा सम्मान सामने आया है। जब मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के किसान के दो बैलों की जोड़ी की एक साथ मौत हो गई तो वह टूट गया और बैलों को पितरों जैसा सम्मान देते हुए अस्थि विसर्जन के लिए मोक्षस्थलीय सोरों पहुंच गया।
यहां विधि-विधान पूर्वक पुरोहितों ने पूजा अर्चन के बाद बैलों की अस्थियों का विसर्जन कराया। फिर पशुपालक ने बैलों की मौत की शोक पत्रिका देकर त्रयोदशी संस्कार का आमंत्रण पुरोहितों को दिया।
हिंदू संस्कृति में जब किसी व्यक्ति की मौत होती है तो उसके परिवार के लोग उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन यज्ञ, रश्म, पगड़ी और ब्रह्मभोज की परंपरा करते हैं, पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं और अस्थि विसर्जन भी करते है। मध्यप्रदेश और राजस्थान के श्रद्धालु अस्थि विसर्जन को तीर्थ नगरी पहुंचते हैं, लेकिन इस बार किसी व्यक्ति विशेष की अस्थि नहीं बल्कि दो बैलों की मौत के बाद उनकी अस्थियां लेकर पशुपालक पहुंचा।
बैलों के प्रति प्रेम और समर्पण की यह भांवना दिखाई दी है मध्यप्रदेश जिले मंदसौर के गांव खेड़ निवासी राम सिंह पंवार और भवानी सिंह पंवार ने। उनके पास 25 साल पहले जन्मे दो बैलों की जोड़ी थी। बैलों का नाम माना और श्यामा था। बीती 16 दिसंबर किसान बैलगाड़ी से खेत पर जा रहे थे तभी अचानक दोनों बैल बैलगाड़ी सहित कुएं में गिर गए। दोनों की ही मौत हो गई। उसके बाद फिर तो पूरा परिवार टूट गया।
दोनों बैलों को बुजुर्गों जैसा सम्मान देने वाले इस परिवार ने इन बैलों को अब पितरों का सम्मान दिया है। मध्य प्रदेश से बैलों की अस्थि लेकर रविवार को पशुपालक सोरों पहुंचे और यहां विधि-विधान पूर्वक अस्थित विसर्जन कराया। तीर्थ पुरोहित उमेश पाठक ने अस्थियां विसर्जित कराई। इतना हीं नहीं पशुपालकों ने तीर्थ पुरोहितों को बैलों के त्रयोदशी संस्कार में पहुंचने के लिए आमंत्रण दिया।
कल होगा मध्यप्रदेश में गंगोज व प्रीतभोज: दोनों बैलों की आत्मा की शांति के लिए मंगलवार को मंदसौर जिले के खेड़ा गांव में पाठ किया जाएगा। तीन हजार लोग इस गंगोज व प्रीतभोज में शामिल होंगे। सोरों के पुरोहितों को भी बैलों की आत्मा शांति पाठ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
क्या बोले पुरोहित : अस्थि विसर्जन कराने वाले पुरोहित पंडित उमेश पाठक ने बताया कि आज जब लोग बैलों की जोड़ी से दूरी बना रहे है। ऐसे समय में बैलों के प्रति मध्यप्रदेश के इन पशु पालकों का प्रेम अनूठा दिखाई दिया है। आत्म शांति पाठ के लिए आमंत्रण मिल गया है। पशुपालक का पूरा परिवार दोनों बैलों से बेहद प्रेम करता था।
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