पीलीभीत: विशेषज्ञ की कमी से जूझता मेडिकल कॉलेज, किडनी-लिवर के इलाज को निजी अस्पताल की दौड़...जानिए मामला

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार: मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी विशेषज्ञों की कमी बनी हुई है। अधिकतर मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि मेडिकल कॉलेज में बुखार, सर्दी, जुकाम और पैर दर्द के इलाज के अलावा कुछ नहीं हो रहा है। जिस वजह से गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को निजी अस्पताल और बरेली या फिर दिल्ली जाना पड़ रहा है।

जिला संयुक्त चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिल चुका है। मगर अभी भी डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। हाल में ही 17 डॉक्टरों ने इंटरव्यू दिया था। मगर सिर्फ चार ने ही ज्वाइन किया है। वर्तमान समय में मेडिकल कॉलेज में कुल 15 डॉक्टर तैनात हैं। जिनमें सात स्थायी है। सात जूनियर रेजिडेंट और एक सीनियर रेजीडेंट हैं।

इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में सिर्फ सात विशेषज्ञों के सहारे इलाज पर्याप्त नहीं हो पा रहा है। जबकि 14 विशेषज्ञों की कमी बनी हुई है। जिन पर भर्ती करने के लिए अभी तक कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई। इस मेडिकल कॉलेज में अभी तक कोई किडनी और लिवर का विशेषज्ञ तैनात नहीं है।

जबकि यहां से सबसे अधिक केस किडनी और लिवर के मरीज आते है। जिन्हें सीधे रेफर किया जाता है। इन मरीजों को यहां सिर्फ डायलिसिस की सुविधा मिल रही है। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें रेफर कर दिया  जाता है। आलम यह है कि जो डॉक्टर मौजूद है। वह भी चैंबर से गायब रहते हैं, तो कई वीआईपी ड़्यूटी या अवकाश पर ।

जिस वजह से मेडिकल कॉलेज की ओपीडी सेवा भी बाधित रहती है। मंगलवार को मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में सुबह से ही मरीजों की भीड़ बनी रही। जिसमें कई मरीज लिवर और किडनी की बीमारी के भी  रहे। उन्होंने घंटो लाइन में लगने के बाद मरीजों ने पर्चा  बनवाया। मगर जब वह ओपीडी में पहुंचे तो उन्हें जानकारी हुई कि यहां लिवर का कोई भी डॉक्टर तैनात ही नहीं है। यहां तक की जांच की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। नेफ्रोलॉजिस्ट और गेस्टोलोजिस्ट का पद आज तक नहीं भर सका है।

टेक्नीशियन के सहारे चल रही डायलिसिस यूनिट
जिले में मरीजों को डायलिसिस की सुविधा देने के  लिए काफी प्रयास के बाद डायलिसिस यूनिट खोली गई है।जहां किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को डायलिसिस किया जाता है। इस यूनिट के बनने के बाद यहां कोई किडनी रोग विशेषज्ञ तैनात नहीं किया गया है। नामित की संस्था की ओर से पैरामेडिकल स्टाफ के सहारे चल रहा है। सप्ताह में एक दिन संस्था की ओर से अटैच किए गए डॉक्टर राउंड कर चले जाते हैं।

मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की सीधी भर्ती चल रही है। कई नए डॉक्टरों ने ज्वाइन भी किया गया है। लिवर और किडनी के विशेषज्ञों को भी लाना का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही स्थिति में सुधार होगा--- डॉ. संजीव सक्सेना, कार्यवाहक प्राचार्य,  मेडिकल कॉलेज।

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