बरेली: कल तक निविदाएं निरस्त करने का दावा, अब फर्म को मान लिया पात्र
बरेली, अमृत विचार। दस गुना बिड कैपेसिटी दिखाने वाली फर्म को लेकर कल तक जो अफसर अपलोड सभी 18 निविदाएं निरस्त करने का दावा कर रहे थे, वे बुधवार को पलट गए। अब उनका कहना है कि मुख्यालय ने वास्तविक बिड कैपेसिटी के आधार पर फर्म को निविदा डालने के लिए पात्र माना है। मंडलीय कंस्ट्रक्शन एसोसिएशन ने इसको लेकर विरोध जताया है। मंडलायुक्त से शिकायत कर निविदाएं निरस्त करने की मांग की है।
निर्माण खंड -1 की सड़कों की विशेष मरम्मत को दिसंबर महीने के पहले सप्ताह में टेंडर निकाले गए थे। आरोप है कि एमबी कंस्ट्रक्शन फर्म ने ठेका हथियाने के लिए बिड कैपिसिटी 83.3 लाख की जगह 833 लाख कर प्रहरी एप पर अपलोड कर दी थी। इसमें एक ही फर्म की 18 निविदाएं अपलोड होने पर अन्य ठेकेदार भड़क गए थे। उन्होंने संबंधित फर्म को काली सूची में डालकर सभी निविदाएं निरस्त करने की मांग की थी।
अधीक्षण अभियंता अभिनेश कुमार और अधिशासी अभियंता राजीव अग्रवाल का कहना था कि जांच में दस गुना बिड कैपिसिटी दर्शाने पर सभी निविदाएं कर इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी गई हैं।
मंगलवार तक अफसर सभी निविदाएं निरस्त करने की बात दोहरा रहे, मगर बुधवार को ठेकेदार को दो करोड़ रुपये तक की निविदाएं डालने के लिए पात्र बताया गया तो अन्य ठेकेदारों के होश उड़ गए। मामले में मंडलीय कंस्ट्रक्शन एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार गोयल, उपाध्यक्ष अशोक शर्मा समेत कई ठेकेदारों ने एक्सईएन और मंडलायुक्त से शिकायत कर जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
प्रहरी पोर्टल पर 833 लाख रुपये की गलती फीडिंग हो गई थी। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी थी। वहां अधिकारियों ने अपने स्तर से कराई जांच में फर्म का पांच साल का टर्नओवर का आकलन कर दो करोड़ रुपये तक के टेंडर की अनुमति दी है।-राजीव अग्रवाल, एक्सईएन, निर्माण खंड-1
निविदाओं के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। शासन स्तर से जो निर्णय लिया गया है, उसके बारे में गुरुवार को अफसरों से जानकारी ली जाएगी।-वकील अहमद, संचालक, एमबी कंस्ट्रक्शन
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