कासगंज: दिन भर कोहरे छाने से नहीं हुए सूर्य के दर्शन, दृश्यता कम होने से सड़कों पर ठहरे वाहनों के चक्के

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Published By Om Parkash chaubey
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कासगंज,अमृत विचार: शरद ऋतु शिशिर ऋतु में बदल गई है। ठंड से जनजीवन अस्तित्व हो गया है। गलन और ठिठुरन भरी ठंड ने लोगों को परेशान कर दिया है। सबसे ज्यादा मुसीबत कोहरा बन रहा है। देर रात से कोहरे के कारण सड़कों पर दृश्यता कम हो गई। वाहनों के चक्के जहां के तहां ठहर गए। सुबह कोहरा कुछ काम हुआ तो वहां आगे बढ़े और उनकी गति धीमी रही। वहीं दिनभर सूर्य के दर्शन नहीं हुए।

शाम चार बजे से ही फिर आसमान में कोहरा छाने लगा। बुजुर्गों के अनुसार शिशिर ऋतु में हांड कंपाने वाली सर्दी का अहसास होता है। पहाड़ों पर हो रही लगातार बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिखाई दे रहा है। गुरुवार को भी पूरा दिन घने कोहरे की चादर में ढकने से सूर्य के दर्शन नहीं हुए। दृश्यता स्तर में भी बेहद गिरावट देखी गई। चारों ओर सिर्फ कोहरे की मोटी चादर छाई हुई थी। कुछ भी स्पष्ट दिखाई नहीं दे सका।

कई मार्ग पर दृश्यता स्तर शून्य रहा। वहीं कुछ मार्गों पर बमुश्किल 2 से 3 मीटर तक ही दिखाई दिया। हालांकि जैसे जैसे दिन आगे बढ़ता गया दृश्यता स्तर में थोड़ा सुधार हुआ। खेतों में भी घना कोहरा छाया रहा। तीसरे दिन भी घने कोहरे की चादर ने थामी वाहनों की रफ्तार रोक दी।

शीतलहर और गलन भरी ठंड ने किया बुरा हाल: अमांपुर। कस्बा मे तीसरे दिन गुरुवार को भी कड़ाके की ठंड रही। सुबह घने कोहरे व गलनभरी ठंड ने लोगों की कंपकंपी छुड़ा दी। सुबह कोहरा छाने से लोगों को मौसम साफ होने की उम्मीद थी लेकिन सूर्यदेव के दर्शन नही हुए। दोपहर में भी कोहरा नही हटा। ठंड से बचने के लिए लोगों ने लकड़ी एकत्रित कर आग जलाकर राहत ली। शाम होते ही लोग घरों में कैद हो गए।

कोहरे संग बादलों का मिलन होने के कारण गुरुवार को अचानक ठंड के साथ गलन बढ़ गई। सुबह के समय कोहरा छाया रहा तो दोपहर के समय शीतलहर का प्रकोप और बढ़ गया। शीतलहर की रफ्तार बढ़ने से लोगों की कंपकंपी छूटती रही। वही ठंडी हवाओं से पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग कंपकंपाते नजर आए। कड़ाके की सर्दी की वजह से अधिकांश दुकाने बंद रही और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।

ठंड से बचने के लिए लोग दिनभर गर्म कपड़े पहन कर अलाव का सहारा लेते दिखे। गलन भरी शीत लहर ने लोगों को परेशान किया। दिन भर बादल और कोहरा छाए छाने से सुर्य के दर्शन नही हुए। कोहरे के चलते वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ी। स्थिति यह रही कि चालकों को लाइट जलाकर चलना पड़ा। लोग कपड़े सुखाने के लिए धूप निकलने का इंतजार करते रहे।

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