Kanpur News: जबड़ा, चेहरा और कान के पास होने वाले दर्द को न करें अनदेखा, इस बीमारी के संकेत....
कानपुर में हैलट अस्पताल की दंत ओपीडी में टेंपोरोमैडिबुलर के मरीज तेजी से बढ़े हैं
कानपुर में हैलट अस्पताल की दंत ओपीडी में टेंपोरोमैडिबुलर के मरीज तेजी से बढ़े हैं। एक माह में 200 से अधिक युवक-युवतियां समस्या लेकर पहुंचे। इस बीमारी के संकेत जबड़े, चेहरे और कान के आसपास के हिस्से में दर्द होना है।
कानपुर, अमृत विचार। सर्दी के मौसम में अगर जबड़े और चेहरे में दर्द व कान के आसपास दर्द और मुंह खोलने में कट-कट की आवाज आ रही है तो सावधान हो जाएं। यह समस्या टेंपोरोमैंडिबुलर बीमारी का संकेत हो सकती है। नजर अंदाज करने पर मुंह खुलना बंद हो सकता है।
इसकी मुख्य वजह लंबे समय तक तनाव, सही से आहर न लेना, पर्याप्त नींद न लेना व खराब मुद्रा में लेटना ( जिसकी वजह से गर्दन व चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव) है। इसमें खाना खाना में भी दिक्कत होती है।
हैलट अस्पताल की दंत रोग विभाग की ओपीडी में एक माह में 200 से अधिक ऐसे युवा इलाज कराने पहुंचे हैं, जिनको मुंह खोलते समय खोपड़ी के नीचे व कान के बगल में कट-कट की आवाज आने और जबड़े में दर्द होना आदि समस्या रहीं। यह समस्या अभी तक 60 से 65 वर्ष की उम्र के बुजुर्गों में होती थी। लेकिन अब 20 से 45 वर्ष के युवाओं में यह समस्या सर्दी में अधिक बढ़ी है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. शिशिरधर ने बताया कि सर्दी में शरीर की नसें सिकुड़ती है, इससे रक्तप्रवाह धीमा हो जाता है और शरीर को कई तरह की दिक्कतों का सामना पड़ता है, जिसमें जबड़ा व खोपड़ी का निचला हिस्सा भी प्रभावित होता है।
इस कारण बुजुर्गों को टेंपोरोमैंडिबुलर नामक समस्या होती है, लेकिन युवाओं में यह दिक्कत होना बड़ी बात है। इस समस्या को नजर अंदाज करने पर मुंह की समस्याएं बढ़ जाती है और अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
समय रहते इलाज न कराने पर बीमारी की वजह से मुंह खुलना धीरे-धीरे कम हो जाता है। बताया कि इलाज के दौरान आराम न मिलने पर ऑर्थोसैंटेसिस माध्यम से इलाज किया जाता है। दवा के एक मिश्रण का इंजेक्शन लगाने के बाद मुंह के अंदर की पूरी सफाई की जाती है। इससे मरीज को 90 प्रतिशत आराम मिलने की संभावना होती है।
यह हो सकती वजह
इस बीमारी की मुख्य वजह बिगड़ी जीवनशैली है, इसके अलावा फास्ट फूड और जंक फूड के सेवन से दांतों व मसूड़ों में काफी असर पड़ रहा है। लंबे समय तक मानसिक तनाव, पर्याप्त नींद न लेना और टेढ़े-मेढ़े दांत होना भी इस बीमारी की वजह में शामिल हैं।
ऐसे करें बचाव
- सबसे पहले मुलायम खाना खाएं
- डॉक्टर की सलाह पर दवाएं खाएं
- चेहरे, जबड़े व कान के पास सिंकाई करे
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