Kanpur News: दम तोड़ रही केडीए की न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना, खाली पड़े प्लाट, नहीं मिल रहे खरीददार
केडीए की न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना में खरीददार नहीं मिल रहे हैं।
न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना में वाहन अधिनियम में पंजीकरण कराये जाने की बाध्यता को समाप्त करने के बावजूद खरीदार नहीं मिल रहे हैं। आवेदकों को सुविधा मिलने के बाद भी न तो ट्रांसपोर्टर और न ही आम ग्राहक दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
कानपुर, अमृत विचार। न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना में वाहन अधिनियम में पंजीकरण कराये जाने की बाध्यता को समाप्त करने के बावजूद खरीदार नहीं मिल रहे हैं। आवेदकों को सुविधा मिलने के बाद भी न तो ट्रांसपोर्टर और न ही आम ग्राहक दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यही कारण है कि योजना में अभी भी 200 से ज्यादा प्लाट खाली पड़े हैं। न्यू टीपी नगर में वेयर हाउस बनाने का प्रोजेक्ट भी आगे नहीं बढ़ा है। ट्रांसपोर्ट एसोएशन के पदाधिकारियों के अनुसार योजना किसी काम की नहीं है, यह पूरी तरह से फ्लॉप है।
83.44 एकड़ जमीन पर है योजना
03 अरब रुपये से काम हो रहा
292 भूखंड पूरी तरह से फंस गए
05 फीसदी ट्रांसपोर्टर ही यहां पहुंचे।
कानपुर विकास प्राधिकरण बोर्ड ने पिछले दिनों न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना में खाली पड़े भूखंडों को नए सिरे से आवंटित करने की योजना बनाई थी। जिसके तहत पुराने नियम को भी बदल दिया गया। इस योजना में 292 प्लॉट बिकने बाकी हैं। 19 जून 2012 को न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की नींव रखी गई थी।
वर्ष 2013 में योजना पर काम शुरू हुआ और 2018 में बनकर यह तैयार हो गई। हालांकि, किसानों से विवाद के चलते 202 भूखंड फंसे हुए हैं। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि यह योजना बिना प्लान के बनी है। कूड़ा डंपिंग ग्राउंड के बगल में योजना बसा दी गई। सड़क भी चौड़ी नहीं है। इसे लेकर ट्रांसपोर्टर हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट ने शासन को आदेश दिए कि इनकी समस्याओं को दूर किया जाए।
पे एंड यूज मॉडल पर सुविधाएं होनी थीं विकसित
न्यू ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसपोर्टरों के लिए वेअर हाउस हब विकसित करने की तैयारी थी। ट्रांसपोर्टरों को आकर्षित करने के लिए केडीए ने इस योजना पर काम शुरू किया था। ट्रांसपोर्ट गतिविधियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यहां लॉजिस्टिक पार्क और मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट एक्टिविटी को विकसित करना था। जिसमें पार्किंग, लोडिंग-अनलोडिंग के साथ ऑफिस स्पेस जैसी सुविधाएं देने की योजना थी। पूर्व केडीए वीसी ने पे एंड यूज मॉडल पर सुविधाएं देने की योजना कागजों में तो बनाई पर उनके जाने के बाद योजना धरातल पर उतरकर नहीं आ सकी।
ट्रांसपोर्टर आना ही नहीं चाहते
योजना के तीसरे फेस में कई कंपनियां खुली हैं, लेकिन यहां पर नाली, सड़क, पार्किंग, छोटे प्लॉट और रेट का मुद्दा है। जिसकी वजह से ट्रांसपोर्टर यहां नहीं आना चाहता। हाइवे किनारे योजना बसी है, यहां ट्रक के आने-जाने में बहुत सहूलियत है। इसके बावजूद ट्रांसपोर्टर यहां आना नहीं चाहते हैं। आज तक सिर्फ पांच फीसदी ट्रांसपोर्टर ही यहां पहुंचे हैं।
केडीए ने प्रयास किए पर नहीं दिखा रंग
बाबूपुरवा स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के ऐसे व्यवसायी जो प्राधिकरण की न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना के आवंटी हैं और उनके द्वारा अपना व्यवसाय न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना में शिफ्ट नहीं किया गया है, उनकी सूची केडीए ने तैयार की है। उन्हें शिफ्ट किये जाने के लिए उनके साथ बातचीत भी की। जिला प्रशासन, ट्रैफिक, नगर निगम के अधिकारियों ने ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से समस्या पर बात भी की, लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली है। केडीए वीसी विशाख जी के अनुसार इसपर नई योजना पर काम चल रहा है।
योजना पर एक नजर
योजना - न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना
नींव रखी गई - 19 जून 2012 में
जगह –भाऊसिंह पनकी
प्लाट - 1029
फेस प्रथम में - 396 भूखंड
फेस द्वितीय में - 329 भूखंड
फेस तृतीय में - 304 भूखंड
अभी तक भूखंड बिके- 535
बिकने को बाकी - 292
विवादित – 202
