कासगंज: मनमानी, मृतक और अपात्र पा रहे सम्मान, दर-दर भटक रहे पात्र किसान, सम्मान निधि वितरण में हुआ बड़ा घोटाला
डाटा फीडिंग में भी हुई अनदेखी, हजारों किसानों की सम्मान निधि रुकी
कासगंज, अमृत विचार: कृषि विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी जिले में पात्र किसानों के लिए मुसीबत बन गई, जबकि अपात्र और मृतकों के लिए अनदेखी ने संजीवनी का काम किया। मृत किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसा सम्मान निधि की धनराशि पहुंचती रही। सत्यापन में इसका खुलासा हुआ। अब यह जांच की जा रही है कि किन-किन मृतकों के खातों में कितने-कितने महीनों की धनराशि पहुंची है।
शासन स्तर पर हुई जांच में पाया गया कि कासगंज जिले के लगभग 4000 अपात्र किसान सम्मान निधि की धनराशि ले रहे हैं। इस पर कृषि विभाग में खलबली मची और मामले में सत्यापन शुरू हुआ। पिछले साल से अब तक किए गए सत्यापन में पाया गया है कि 1400 किसान ऐसे हैं जो मरने के बाद भी सम्मान निधि का लाभ पा रहे हैं।
उनके खाते में हर माह धनराशि पहुंच रही है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि किस मृतक के खाते में कितने महीनों की धनराशि पहुंची है। विभाग अब रिकवरी की तैयारी कर रहा है। तमाम मृतकों के परिजन तो ऐसे रहे होंगे, जिन्होंने एटीएम के माध्यम से धनराशि निकाल ली होगी। ऐसे में धनराशि की रिकवरी भी चुनौती ही होगी।
इन अपात्रों के खातों में भी पहुंची धनराशि: अब तक सत्यापन में यह भी पाया गया है कि मृतकों के अलावा 250 ऐसे भी अपात्र हैं, जो पति-पत्नी हैं और दोनों के ही खातों में सम्मान निधि की धनराशि जाती रही। इनसे भी अब विभाग रिकवरी करेगा। जबकि अन्य अपात्रों का सत्यापन अभी भी जारी है।
आंकड़े की नजर से: 2.20 लाख किसान पा रहे हैं सम्मान निधि, 2500 किसानों का डबल पंजीयन होने से रुकी सम्मान निधि की धनराशि
पति-पत्नी दोनों को योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता है। जिले में ढाई सौ अपात्र पाए जा चुके हैं। इसके अलावा कुछ अपात्र ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। परिजनों ने उनकी मृत्यु की सूचना नहीं दी। इसलिए धनराशि पहुंचती रही। सभी अपात्रों से रिकवरी होगी। - अवधेश मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी
