Kanpur News: सीसामऊ में ताले में बंद अर्द्धविक्षिप्त ने खुद को लगाई आग... मौत, मां ने लगाए ये आरोप...

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में ताले में बंद अर्द्धविक्षिप्त ने खूद को आग लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई।

कानपुर में ताले में बंद अर्द्धविक्षिप्त ने मिट्टी का तेल डालकर खुद को आग लगाकर खत्म कर लिया। बंद कमरे से दुर्गंध उठी तो लोगों ने घटना की जानकारी परिजनों को दी।

कानपुर, अमृत विचार। सीसामऊ थानाक्षेत्र में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। जहां कमरे में पड़े ताले में बंद अर्द्धविक्षिप्त ने मिट्टी का तेल डालकर खुद को आग लगाकर खत्म कर लिया। बंद कमरे से दुर्गंध उठी तो लोगों ने घटना की जानकारी परिजनों को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची मां ने ताला खोला तो वहां का दृश्य देखकर उसकी चीखें निकल पड़ीं। 

इस दौरान कमरे में धुआं फैला हुआ था व उसके बेटे का जला शव रजाई में पड़ा था। इलाकाई लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने परिजनों और लोगों से पूछताछ करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 

चंद्रनगर उखड़ी रेलवे लाइन निवासी मेवालाल ने बताया कि वह पी रोड में चाय की दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनकी पत्नी गीता एक बेटे रवि कांडा और बेटी आरती है। वह आरती की शादी तीन वर्ष पहले कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि बेटा अर्द्धविक्षिप्त है। बताया कि वह आए दिन किसी न किसी से इलाके में विवाद कर देता था इस कारण उसे दुकान में जाने से पहले घर पर ताले में बंद कर दिया जाता था। 

बताया कि रोज की तरह शुक्रवार को भी कमरे में ताले में बंद करके दुकान गए हुए थे। इसी दौरान उसने शाम को मिट्टी का तेल डालकर आग को फूंक डाला। शोर मचने पर आवाज सुनकर लोग दौड़े और कमरे से निकलते धुएं को देखकर घटना की सूचना परिजनों को दी गई। जिसके बाद परिजन आनन-फानन पहुंचे और ताला खोला तो देखा कि उसका शव रजाई में जला पड़ा था। पास में एक मिट्टी की तेल की पिपिया पड़ी थी। घटना के बाद इलाकाई लोगों की भीड़ लग गई। सूचना पर पहुंचे थाना प्रभारी हिमांशु चौधरी ने परिजनों से पूछताछ कर घटना की जानकारी ली। थाना प्रभारी के अनुसार परिजनों ने युवक को अर्द्धविक्षिप्त बताया है, घटना मिट्टी के तेल डालकर की गई है। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। 

आक्रामक होकर कर देता था हमला

मां गीता ने बताया कि बेटा रवि कांडा उन लोगों की आंख के सामने शांत रहता था। इसके बाद अगर कहीं भी वो अलग निकल गया तो अक्रामक होकर सामने वाले पर हमला कर देता था। उसके साथ ऐसी कई बार घटनाएं हो चुकी हैं। जिसके बाद लोग लड़ाई-झगड़े तक आमादा हो गए। यही कारण है कि वह उसे कहीं भी जाने पर ताले में बंद करके जाती थी।  

चाहते हुए भी नहीं बचा पाए  

घटना के बाद घर के बाहर लगी इलाकाई लोगों की भीड़ ने पुलिस को बताया कि वह आग लगाने के बाद बचाने के लिए शोर मचा रहा था। लेकिन बाहर ताला लगा होने के कारण वह लोग उसे चाहते हुए भी नहीं बचा पाए। जब तक परिजन पहुंचे तब तक उसकी सांसे थम चुकी थीं। 

मां ने लगाए आरोप, जन्म से नहीं था अर्द्धविक्षिप्त

मां गीता और पिता मेवालाल ने आरोप लगाए कि कुछ समय पहले वह एक स्थान पर जुआ खेल रहा था। वहां पर पुलिस ने छापेमारी की तो वह भाग निकला और अन्य पकड़े गए। इसके बाद उस मामले में कुछ समय बाद वारंट जारी हो गया। आरोप है कि पिछले माह आठ दिसंबर को उसे जेल जाना पड़ा। जिसके बाद वह 16 दिसंबर को बाहर आया। इसके बाद से ही उसे कुछ सूझ नहीं रहा था। वह विक्षिप्त जैसे सारी हरकतें करने लग गया। समय के साथ उसकी दिक्कतें बढ़ती चली गईं थी।

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