प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल न होना शंकराचार्यों की व्यक्तिगत राय - जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य
अमृत विचार : रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में प्रोटोकॉल के कारण शंकराचार्यों सहित कई बड़े संतों के शामिल किये जाने को लेकर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विचार कर रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देशभर से चार हजार संतों को आमंत्रित किया है। जिसमें सभी शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य, जगद्गुरु, पीठाधीश्वर के नाम शामिल हैं। निमंत्रण पत्र के दौरान प्रोटोकॉल की भी जानकारी देते हुए किसी भी संत का चंवर, छत्र, दंड और अन्य संतों के परंपरा में शामिल सामान को न लाने की अपील की गई थी।

जगतगुरु रामदिनेशाचार्य ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के दौरान सुरक्षा के मानक का ध्यान रखते हुए ट्रस्ट ने यह फैसला लिया है। ट्रस्ट संतों के प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखते हुए कार्य करेगा। शंकराचार्य के शामिल न होने को लेकर कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, लेकिन उन्हें भी इस भव्य आयोजन में शामिल होना चाहिए। मणि रामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि सभी संत महंत जाएंगे। राम मंदिर के इस प्राण प्रतिष्ठा से पूरा देश आह्लादित है। कार्यक्रम को सीमित संसाधन में संपन्न कराने के लिए यह निर्णय लिया गया है। कुछ लोगों के राजनीतिक विचार सामने आ रहे हैं।
