लखनऊ: जन्मदिन पर मायावती ने किया बड़ा एलान, कहा- लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी पार्टी, गिनाईं वजहें

लखनऊ: जन्मदिन पर मायावती ने किया बड़ा एलान, कहा- लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी पार्टी, गिनाईं वजहें

लखनऊ। बसपा प्रमुख और सूबे की पूर्व सीएम मायावती का आज सोमवार को जन्मदिन है। इस उपलक्ष्य में मायावती ने सोमवार को माल एवेन्यू स्थित अपने कार्यालय पर एक प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान बसपा प्रमुख ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि बसपा लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। मायावती ने कहा कि बसपा जब भी गठबंधन करती है उसका हमेशा नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि वो यहाँ यह भी कहना चाहती हैं कि हमारी पार्टी गठबन्धन ना करके अकेले ही चुनाव इसलिए लड़ना चाहती है क्योंकि इस पार्टी का सर्वोच्च नेतृत्व एक दलित के हाथ में है जिनके प्रति अधिकांशः पार्टियों की जातिवादी मानसिकता अभी तक भी नहीं बदली है।

यही मुख्य वजह है कि गठबन्धन करके चुनाव लड़ने में बीएसपी का वोट तो गठबन्धन से जुड़ी पार्टी को पूरा चला जाता है, लेकिन उनका अपना बेस वोट व विशेषकर अपरकास्ट समाज का वोट, बी.एस.पी. को ट्रांसफर नहीं हो पाता है और इसके कुछ खास उदाहरण यह है कि यूपी में 1993 में हुये विधानसभा के आमचुनाव सपा से गठबन्धन करके लड़ने से बी.एस.पी. की केवल 67 सीटें ही जीतकर आई थी, जबकि सपा को इसका ज्यादा लाभ पहुँचा था।

ब्योरेवार बताई गठबंधन के नुकसान की वजहें

उसके बाद सन् 1996 में बी.एस. पी. ने यू.पी. में हुये विधानसभा का आमचुनाव कांग्रेस पार्टी से गठबन्धन करके लड़ा था जिसमें पार्टी की केवल 67 सीटें ही जीतकर आई थी और इस चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी को ही ज्यादा फायदा हुआ था, तब फिर बी.एस.पी. ने यहाँ 2002 में विधानसभा के हुये के हुये आमचुनाव अकेले ही लड़ा था जिसमें पार्टी की पहली बार यहाँ 67 से बढ़कर लगभग 100 सीटें जीतकर आई थी व उसके बाद 2007 में यू.पी. में विधानसभा के हुये आमचुनाव में बी.एस.पी. ने फिर से अकेले चुनाव लड़कर, यहाँ अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार भी बना ली थी, जबकि उस समय यह चुनाव ईवीएम से ही हुआ था जिसमें शुरू में कोई धांधली व बेईमानी आदि नहीं हो पाई थी।

साथ ही यहाँ लोकसभा आमचुनाव में व देश के अन्य ओर राज्यों में भी, अकेले चुनाव लड़कर, खासकर वोट प्रतिशत के हिसाब से पार्टी की काफी अच्छी स्थिति रही है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अब हर चुनाव में ईवीएम में काफी धांधली व बेईमानी आदि हो रही है, ऐसी यह आमधारणा है, जिसकी खास वजह से अब हमारी पार्टी को भी यू.पी. सहित पूरे देश में काफी कुछ नुकसान हो रहा है।

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इसके बावजूद भी, हमारी पार्टी यह सोच कर देश में सभी चुनाव पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ती है कि कि पता नहीं कब ईवीएम में धांधली व बेईमानी आदि करने वालों का सिस्टम फेल हो जाये तब फिर सम्बन्धित चुनाव में सही रिजल्ट आ सकता है, हालाँकि अब ईवीएम के विरोध में काफी आवाजें भी उठने लगी है और ऐसे में यह सिस्टम कभी भी खत्म हो सकता है या फिर इसमें कुछ परिवर्तन भी किये जा सकते है। इसलिए हमें पार्टी के जनाधार को बढ़ाते रहना बहुत जरूरी है।

साथ ही, गठबन्धन को लेकर पार्टी का यह भी मानना है कि इस मामले में अभी तक का अधिकांशः अनुभव यही रहा है कि गठबन्धन करके चुनाव लड़ने से हमारी पार्टी को फायदा कम व नुकसान ज्यादा होता है तथा इससे पार्टी का वोट प्रतिशत भी कम हो जाता है और फिर बी.एस.पी. से गठबन्धन करने वाली पार्टी को पूरा फायदा पहुँच जाता है।

गठबंधन से सहयोगी पार्टी को ही होता है फायदा 

यही मुख्य वजह है कि देश में अधिकांशः पार्टियाँ बी.एस.पी. से गठबन्धन करके चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि हमें बी.एस.पी के हित को भी देखना जरूरी है जिसे मद्देनजर रखते हुये अब बी.एस.पी. के लिए पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अकेले ही चुनाव लड़ना ज्यादा बेहतर होगा। लेकिन अब किसी भी चुनाव के बाद हमारी पार्टी खासकर कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में केन्द्र व राज्यों की सही बनी सरकारों में व उनकी जरूरत को ध्यान में रखकर अपनी उचित भागेदारी के आधार पर शामिल भी हो सकती है, क्योंकि ऐसे में अब पूर्व की तरह पार्टी बाहर से फ्री में समर्थन नहीं देने वाली है ताकि अपने लोगों के हितों में कुछ जरूरी कार्य होते रहें। संक्षेप में मेरा यही कहना है कि हमारी पार्टी, अब देश में जल्दी ही होने वाले लोकसभा के आमचुनाव अकेले ही लड़ेगी अर्थात् किसी भी पार्टी व गठबन्धन के साथ मिलकर यह चुनाव नहीं लड़ेगी।

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अभी नहीं लेंगी संन्यास, कहा- खबरें मात्र अफवाह

अपनी संन्यास की खबरों पर भी मायावती ने जोरदार तरीके से प्रतिकार किया। उन्होंने कहा कि उनके बारे में अक्सर अफवाह फैलाई जाती है कि वो संन्यास लेनी वाली हैं लेकिन वो अभी सन्यास नहीं लेंगी। इस मौके पर मायावती ने अपने जीवन पर लिखी किताब ब्लू बुक का भी विमोचन किया। ये इस बुक का 19वां संस्करण था। इस ब्लू बुक का अंग्रेजी वर्जन भी उन्होंने लान्च किया। इस मौके पर मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, बसपा के नेता और पदाधिकारी साजिशों से सावधान रहें। 

मोदी सरकार लोगों को बना रही गुलाम

उन्होंने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार मुफ्त देकर लोगों को गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्होने चार बार यूपी में सरकार बनाई और सब वर्ग के लिए काम किया। उन्होंने मेहनतकश लोगों के लिए विशेष योजनाएं चलाई थीं। हमारी सरकार ने अल्पसंख्यक, दलित, गरीब सभी के लिए काम किया। बीजेपी की सरकार रोजगार देने के बजाय लोगों को मुफ्त राशन देकर उन्हें मोहताज बना रही है। मायावती ने कहा कि आज हर तरफ खासकर सत्तारूढ़ दल मात्र धर्म की राजनीति कर रहा है। इससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। 

प्राण प्रतिष्ठा का मिला निमंत्रण, जाने पर जल्द करूंगी फैसला

इसके अलावा, राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिलने के सम्बंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि, हाँ मुझको निमंत्रण मिला है और जहाँ तक उसमें शामिल होने का सवाल है तो उस बारे में अभी इसका मैंने कोई फैसला नहीं लिया है: लेकिन इस कार्यक्रम का पार्टी को कोई भी ऐतराज नहीं है बल्कि इसका पार्टी स्वागत करती है। इतना ही नहीं बल्कि आगे चलकर जब बाबरी मस्जिद को भी लेकर ऐसा कोई प्रोग्राम होता है तो फिर उसको भी लेकर हमारी पार्टी को कोई भी ऐतराज नहीं होगा क्योंकि हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और सभी धर्मों का पूरा-पूरा सम्मान करती है। 

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