22 जनवरी को 12:20 बजे से 1:00 बजे तक होगी प्राण प्रतिष्ठा, बोले चंपत राय- 18 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित होगी मूर्ति

150 और छह दर्शन परम्पराओं के संतों के साथ 56 देशों के प्रतिनिधि, सभी भारतीय विधाओं के विशिष्ट बनेंगे साक्षी

22 जनवरी को 12:20 बजे से 1:00 बजे तक होगी प्राण प्रतिष्ठा, बोले चंपत राय- 18 जनवरी को गर्भगृह में स्थापित होगी मूर्ति

अयोध्या, अमृत विचार। अयोध्या धाम में 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और उससे पहले के सभी कार्यक्रम की रुपरेखा तय हो गई है। 22 जनवरी को सोमवार को दोपहर 12:20 बजे से एक बजे तक प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मनोभाव रखेगें। ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास आशीर्वाद देंगे।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय मंदिर निर्माण कार्यशाला में सोमवार को बताया कि प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के प्रकांड विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने तय किया है। प्राण प्रतिष्ठा का कर्मकांड वाराणसी के महंत लक्ष्मीकांत दीक्षित करेंगे। उन्होंने बताया कि गर्भगृह में 18 जनवरी को पांच वर्षीय राम के बाल रूप की प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित होगी।

इसका वजन 150 से 200 किलो है। रामलला की खड़ी प्रतिमा स्थापित होगी। 18 जनवरी को प्रतिमा गर्भगृह में अपने आसन पर खड़ी कर दी जाएगी। ट्रस्ट महासचिव ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि कल मंगलवार 16 जनवरी से शुरू हो जाएगी, जो 21 तक चलेगी। इससे पहले प्रतिमा की जल वास, अन्न वास, शैया वास, औषधि वास, फलवास पूजा होगी।

20 से अस्थाई मंदिर में दर्शन बंद 

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों के चलते 20 और 21 जनवरी को भक्त रामलला के दर्शन नहीं कर पाएंगे। सभी लोगों के लिए दर्शन बंद किए जाने पर गंभीरता से विचार चल रहा है।

ये मेहमान होंगे प्राण प्रतिष्ठा में शामिल 

गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, आरएसएस प्रमुख डॉ.मोहन भागवत, सीएम योगी आदित्यनाथ, ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास मौजूद रहेंगे। चंपत राय ने बताया कि समारोह में सभी ट्रस्टी और 150 परम्पराओं के संत, धर्माचार्य मौजूद रहेंगे। इसके अलावा पुलिस से लेकर पैरा मिलिट्री फोर्स के अधिकारी, साहित्यकार, पद्म पुरस्कार विजेता शामिल होंगे। मंदिर निर्माण करने वाली एल एंड टी , टाटा के इंजीनियर्स और मंदिर बनाने में लगी टीम के 500 लोग, जिसे इंजीनियर्स की टीम कह सकते हैं, समारोह में शामिल रहेंगे। इसके अलावा शैव, वैष्णव, सिख, बौद्ध, जैन, कबीर पंथी, इस्कॉन, भारत सेवाश्रम संघ, राम कृष्ण मिशन, गायत्री परिवार, राधा स्वामी, गुजरात के स्वामी नारायण, लिंगायत के धर्मात्मा रहेंगे।

सभी नदियों के जल से होगा अभिषेक

ट्रस्ट महासचिव ने बताया कि भारत की सभी मुख्य नदियों का जल अयोध्या आ चुका है। सभी जलों से रामलला का अभिषेक होगा। इसके अलावा नेपाल में राम जी की ससुराल, उनके ननिहाल छत्तीसगढ़ से उपहार आए हैं। जोधपुर से बैलगाड़ी पर घी आया है।

अनुष्ठान से पहले परिसर में गूंजेगी मंगल ध्वनि

प्राण-प्रतिष्ठा की मुहूर्त से पहले रामजन्मभूमि मंदिर में शुभ प्रतिष्ठा लिए मंगल ध्वनि का आयोजन किया जाएगा। प्रात: 10 बजे से लगभग दो घंटे तक देश के विभिन्न राज्यों के पारंपरिक वाद्ययंत्रों का वादन होगा। ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि मंगल ध्वनि के आयोजन में उत्तर प्रदेश के पखावज, बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक की वीणा, महाराष्ट्र-सुंदरी, पंजाब-अलगोजा, उड़ीसा- मर्दल, मध्य प्रदेश- संतूर, मणिपुर-पुंग, असम- नगाड़ा, काली,  छतीसगढ़-तंबूरा, बिहार,  पखावज,  दिल्ली शहनाई,  राजस्थान- रावणहत्था, पश्चिम बंगाल- श्रीखोल, सरोद, आंध्र प्रदेश- घटम, झारखंड-सितार, गुजरात- संतार, तमिलनाडु- नागस्वरम्, तविल और मृदंगम, उत्तराखंड- हुड़का जैस वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति दक्ष कलाकार देंगे।

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