शाहजहांपुर: प्रधानमंत्री आवासों में भ्रष्टाचार किया तो दर्ज होगी FIR, पीओ डूडा ने जारी किया आदेश
पूर्व पीओ पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप, महानगर में बनाए जा रहे हैं 4154 आवास
शाहजहांपुर, अमृत विचार। प्रधानमंत्री आवास योजना को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए शासन के निर्देश पर पीओ डूडा ने सख्त आदेश जारी किया है। प्रभारी पीओ डूडा चित्रा निर्वाल ने अपना नंबर जारी करते हुए भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत करने के लिए कहा है। अब अगर कोई भ्रष्टाचार करते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
पीओ की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि अगर योजना का लाभ दिलाने के नाम पर लाभार्थी से किसी व्यक्ति, कर्मचारी, नामित संस्था के किसी भी कर्मचारी या दलाल प्रवृत्ति के व्यक्ति के द्वारा कोई पैसे की मांग की जाती है तो वह उनके मोबाइल नंबर 9151999498 पर शिकायत की जा सकती है। उन्हें इसी नंबर पर सबूतों के साथ व्हाट्सएप भी किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थियों के चयन में बीते सालों के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। चयन समिति से जुड़े कई अधिकारियों पर कार्रवाई तक हो चुकी है। योजना के तहत दो साल पहली सूची तैयार की गई थी। इनमें 7927 लोगों को पात्र माना गया था, लेकिन इनके नामों को शासन को नहीं भेजा गया। इसी बीच तत्कालीन डूडा के परियोजना अधिकारी अतुल पाठक पर आरोप लगने लगे कि वह महानगर में आवास बनाने के इच्छुक नहीं हैं। इसी कारण शासन को सूची नहीं भेजी जा रही है। इसको लेकर संभावित लाभार्थियों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया था कि डूडा कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व मनमानी की मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाए। 7927 पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार है। यह सूची तहसील व जिला अधिकारी के यहां से एक साल 11 महीने पहले पास हो चुकी है। इसके बाद भी लंबित है। शासन की ओर से कई पत्र लिखकर सूची की मांग की गई, लेकिन डूडा की ओर से सूची शासन को नहीं भेजी जा रही है। सूची भेजने की अंतिम तारीख भी निकल गई है। इसी तरह के तमाम आरोप पीओ डूडा पर लगाए गए थे।
तीन दौर की जांच के बाद सामने आए वास्तविक पात्र
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी की पहली सूची में पात्र चुने गए लगभग आधे लोग दूसरी और तीसरी जांच में अपात्र घोषित हो गए थे। पहली सूची में 7927 लोगों को पात्रता की सूची में शामिल किया गया था, लेकिन अंतिम सूची में चार हजार 154 लोग ही पात्र रह गए थे। इन्हीं की डीपीआर शासन को भेजी गई थी, जिसे अब मंजूर कर लिया गया है।
बता दें कि वित्त मंत्री के निर्देश पर 7927 आवेदकों की दोबारा जांच कराई गई तो 669 लाभार्थी अपात्र मिले थे। दूसरी जांच में कुछ लोग ट्रेस नहीं किए जा सके थे। कुछ लोग जांच के दौरान मौके पर नहीं मिले थे, बाद में उन्होंने डूडा कार्यालय में संपर्क किया था और खुद को पात्र बताया था। इसके बाद तीसरे दौर की जांच की गई थी। तीसरी और अंतिम जांच के बाद चार हजार 154 लोग पात्र पाए गए थे।
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