कासगंज: राम के लिए एक माह मैनपुरी के जिला कारागार में काटी सजा, 33 साल बाद हो रहा सपना साकार

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Published By Om Parkash chaubey
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कासगंज, अमृत विचार : 1990 में राम मंदिर के लिए आंदोलन हो रहा था तब तमाम युवा कार सेवा के लिए अयोध्या के लिए कूच किया था। कुछ अयोध्या पहुंचे तो कुछ को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 33 साल पूर्व युवा अवस्था में एक माह राम के लिए मैनपुरी की जेल में सजा काट चुके कारसेवकों की आंखें आज खुशी से नम हैं। जब राम मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है।

 

मूलरूप से जिला एटा के मारहरा निवासी वर्तमान में लगभग तीन दशक से शहर में रह रहे मुरारी लाल वार्ष्णेय जो कि चाचा के नाम से विख्यात हैं 1990 में कारसेवकों की टोली में शामिल थे। जब वह अयोध्या जाने के लिए 13 अक्टूबर को राम भक्तों के साथ आंदोलन में शरीक हुए तो जिला पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मुरारी लाल चाचा बताते हैं कि उनके साथ दर्जनों कार सेवक थे।

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जिन्हें पुलिस ने मैनपुरी जेल भेजा और लगभग एक माह की जेल काटने के बाद 14 नवंबर 1990 को सीजेएम एटा के आदेश से रिहा किया गया। मुरारी लाल वार्ष्णेय बताते हैं कि उन्होंने राम मंदिर निर्माण का सपना संजोया था अब उनका यह सपना पूरा हुआ है। मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या धाम के राम मंदिर में होने जा रही है। उनका कहना है कि वह 22 जनवरी को परिवार और सगे संबंधियों के साथ मिलकर धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। उनके पुत्र मारूति भी पिता के सपने को पूरा होता देख उत्साहित हैं।

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