पीलीभीत: पीडब्ल्यूडी के अधिकारी स्टॉक बता रहे निल, गोदामों से निकल रहा कोलतार
दो साल पहले बंद हो गए डिपो, अभी भी मुहैया कोलतार का स्टॉक
पीलीभीत, अमृत विचार: शासन ने दो साल पहले जिन पीडब्ल्यूडी के गोदामों से कोलतार पर बिक्री पर रोक लगा दी, उन्हीं गोदामों से कोलतार निकालकर बिक्री किया जा रहा है। खास बात यह है कि लोक निर्माण विभाग की दोनों शाखाओं के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने गोदामों में कोलतार का स्टाक निल होने की बात कहीं जा रही है, इसके बावजूद इन्हीं गोदामों से लगातार कोलतार निकाला जा रहा है।
अब इन गोदामों में कोलतार कहां से आया, इसका जवाब तो विभाग ही दे सकता है। फिलहाल गोदामों से चोरी छिपे ठेकेदारों को कोलतारों बिक्री किए जाने बात सामने आ रही है। इसमें विभागीय कर्मचारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग अभी सड़कों से लेकर टेंडर प्रक्रिया में घपलेबाजी को लेकर सुर्खियों में था, लेकिन अब गोदामों में मौजूद कोलतार की चोरी छिपे बिक्री को लेकर प्रकाश में आ रहा है। हालांकि शासन ने वर्ष 2022 में लोक निर्माण विभाग के गोदामों से कोलतार बिक्री पर रोक लगा दी थी।
शासन के आदेश के बाद लोक निर्माण विभाग की दोनों शाखाओं द्वारा गोदामों में स्टॉक का समायोजन करते हुए इसकी रिपोर्ट भेज दी थी। गोदामों से कोलतार बिक्री पर लगी रोक के बाद अब ठेकेदार सीधे अपने स्तर से ही कोलतार खरीद रहे हैं। इधर लोक निर्माण विभाग के स्थानीय गोदामों से कोलतार निकालने का मामला प्रकाश में आया है। बताते हैं कुछ ठेकेदार सांठगांठ कर गोदामों से कोलतार खरीद रहे हैं। बताते हैं कि विभागीय मदद से ही यह कोलतार निकालकर ठेकेदारों को दिया जा रहा है।
सेटिंग के बाद ही गोदामों से निकलता है कोलतार
पीडब्ल्यूडी गोदामों से कोलतार सेटिंग के बाद ही निकाला जा रहा है। गोदाम पर मौजूद कर्मचारी सड़क निर्माण से जुड़े अधिकांश ठेकेदारों को अच्छी तरह से जानते हैं, इसके बावजूद यहां से कोलतार उठाना आसान नहीं है। बताते हैं कि जब कोई व्यक्ति कोलतार खरीदने के लिए गोदाम पर मौजूद कर्मचारियों से बात करता है, पहले तो कर्मचारी गोदाम में कोलतार न होने की बात पर पूरी तरह से अड़ जाते हैं। बाद में जब खरीदने वाला व्यक्ति खुद को ठेकेदार बताता हैं तो इसकी पड़ताल करने के बाद ही उसे गोदाम में कोलतार होने की जानकारी दी जाती है। इसके बाद ही कोलतार निकाला जा रहा है।
स्टॉक निल, तो गोदामों में कहां से आया कोलतार
लोक निर्माण विभाग के अफसरों के मुताबिक शासन के निर्देश पर डिपो से कोलतार बिक्री पर रोक लगा दी गई है। अब ठेकेदार सीधे अपने स्तर से कोलतार खरीद रहे हैं। लोक निर्माण विभाग की दोनों शाखाओं के अधिशासी अभियंता अपने-अपने गोदामों पर कोलतार का स्टॉक निल होने की बात कह रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब स्टॉक निल है तो इन गोदामों पर कोलतार कहां से आया। बताते हैं कि गोदामों पर पहले से ही कोलतार का स्टॉक है।
डिपो में यदि कोलतार का स्टॉक है तो उसे निकाला जा सकता है, लेकिन गोदाम में कोलतार नही है। डिपो से कोलतार निकलने का मामला मेरे यहां से नहीं हो सकता है ---संजीव कुमार जैन, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड।
शासन द्वारा डिपो से कोलतार बिक्री बंद कर दी गई है। मेरे डिपो में कोलतार का स्टाक भी निल है। गोदाम में यदि पहले से स्टॉक है तो उसे बाद में भी निकाला जा सकता है--- उदय नारायन, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड।
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