Guru Govind Singh Jayanti 2024: लखनऊ के इस गुरुद्वारे को दसवें गुरु ने भेजा था हस्तलिखित हुकुमनामा
लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी लखनऊ के याहियागंज स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी में दो हुकुमनामा आज भी मौजूद है। यह हुकुमनामा गुरु गोविंद सिंह ने भेजा था। इन दोनों हुकुमनामें पर गुरु गोविंद सिंह जी के हस्ताक्षर भी हैं।
दरअसल, लखनऊ के यहियागंज में स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी में साल 1693 में गुरु गोविन्द सिंह जी ने एक हुकुमनामा भेजा था। बताया जा रहा है कि यह हुकुमनामा उन्होंने खुद लिखकर भेजा था, वह हुकुमनामा आज भी इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे में रखा गया है। गुरु गोविंद सिंह ने इस हुकुमनामा में लिखा था कि सिख 5 तोला सोना और अपनी कमाई का दसवां हिस्सा लोगों की भलाई के लिए भेजें।

गुरु की तरफ से भेजा गया यह हुकुमनामा सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश था। वहीं साल 1701 में जब मुगुलों से युद्ध शुरू हुआ। उस समय लखनऊ से तोप का कारीगर बुलाने के लिए गुरु गोविन्द सिंह जी ने दूसरा हुकुमनामा भेजा था। यह दोनों हुकुमनामा आज भी गुरुद्वारे में बहुत ही खास सुरक्षा में रखे गए हैं।

यहीं से शुरू हुआ था सिख धर्म का प्रचार प्रसार
याहियागंज स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का ऐतिहासिक महत्व है। जहां पर यह गुरुद्वारा स्थित है वहीं से साल 1580 के करीब सिख धर्म का प्रचार प्रसार लखनऊ और आसपास के क्षेत्र में शुरू हुआ था। इतना ही नहीं यही वह स्थान है जहां पर पहली बार सिखों के छठवें गुरु हरगोविंद सिंह जी महाराज के दो शिष्य पहुंचे थे।
यहां रुके थे गुरु गोविंद सिंह जी
जाचक ज्ञानी जगजीत सिंह की माने तो गुरु गोविंद सिंह जी महाराज साल 1672 में इसी गुरुद्वारे में आकर रुके थे। बताया जा रहा है कि साल 1686 में गुरु गोविंद सिंह जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब का हस्तलिखित स्वरूप इस गुरुद्वारे में भेजा था। श्री गुरु ग्रंथ साहिब का हस्तलिखित स्वरूप पर गुरु गोविंद सिंह जी के हस्ताक्षर मौजूद हैं। यह श्री गुरु ग्रंथ साहिब, गुरु गोविंद सिंह जी के शिष्यों की तरफ से लिखा गया था।

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