अयोध्या की दीवारों पर रामायण के पात्रों के चित्र उकेर रहे गोंडा के करमचंद ओझा 

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Published By Sachin Sharma
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दीवारों पर दिख रही श्री राम के जीवन चरित्र से जुड़ी झलक

उमानाथ तिवारी, गोंडा। श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अयोध्या सज‌ धजकर तैयार है। राम के आगमन को लेकर सिर्फ अयोध्या वाली ही नहीं प्रदेश न देश का हर व्यक्ति अपने स्तर से कुछ न कुछ योगदान करने को आतुर है। इसी में एक नाम है गोंडा जिले के तुर्काडीहा गांव के रहने वाले ओझा का जो अयोध्या की दीवारों पर श्री राम और उनके जीवन चरित्र से जुड़े पात्रों की तस्वीरें उकेर रहे हैं और पूरे रामचरित मानस का दर्शन करा रहे हैं। 

गोंडा जिले के तुर्काडीहा गांव के रहने वाले करमचंद ओझा पेशे से पेंटर हैं। उन्हें अयोध्या धाम में रामायण से जुड़े पात्रों की तस्वीर बनाने का काम मिला है। वह अयोध्या की प्रमुख सड़कों से लेकर गली मोहल्ले तक की दीवारों पर श्री राम, लक्ष्मण ,हनुमान जी, माता शबरी आदि पात्रों व राम वनवास के दौरान घटित हुई प्रमुख घटनाओं की तस्वीरें बना रहे हैं।‌

इन चित्रों में सोने के मृग और सीता हरण की घटना से लेकर माता शबरी के आश्रम और हनुमान जी द्वारा लंका दहन आदि घटनाओं से संबंधित चित्र उकेरा जा रहा है। दीवारों पर बनी यह तस्वीरें श्रद्धालुओं को त्रेतायुग की याद दिला रही हैं। श्रद्धालु नतमस्तक होकर इन तस्वीरों पर माथा टेक रहे हैं और खुद को श्रीराम से जोड़कर अपने जीवन को धन्य मान रहे हैं।

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करमचंद ओझा हाथ में ब्रश और रंग लेकर बड़ी ही तन्मयता से इन चित्रों को बनाते है और उन्हें सजाते हैं। चित्रकारी इतनी कुशल कि लगता है यह तस्वीरें अभी बोल उठेंगी। करमचंद ओझा ने बताया कि उन्हे एक महीने पहले यह काम सौंपा गया था। अब तक वह कई चित्र बना चुके हैं। अधिकतर दीवारों पर उनके ही बनाए चित्र हैं। इन चित्रों में कहीं श्रीराम धनुष बाण लेकर सोने के मृग का पीछा कर रहे हैं तो कहीं माता शबरी श्री राम का इंतजार कर रही हैं।

कहीं हनुमान जी आकाश मार्ग से उड़कर लंका में जा रहे हैं तो कहीं लंका में हनुमान जी जंजीरों में बंधे नजर आ रहे हैं। श्रद्धालु न सिर्फ इन चित्रों पर माथा टेक रहे हैं बल्कि वह चित्रकार की भी जमकर सराहना कर रहे हैं। करमचंद ओझा कहते हैं कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हे कामकाज करने का अवसर मिला। इसके लिए उन्होने कोई मेहनताना नहीं तय किया है। वह कहते हैं कि जो मिलेगा वह उसे प्रभु श्रीराम का प्रसाद समझ कर रख लेंगे।

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