शाहजहांपुर: सौ बीघा में काटी जा रहीं आठ अवैध कॉलोनी, प्रशासन ने चलाया बुलडोजर

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
On

शाहजहांपुर, अमृत विचार: अवैध और अनियोजित विकास के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है। शहर का नक्शा बिगड़ने से बचाने और राजस्व की चपत लगने से रोकने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. वेद प्रकाश मिश्र के नेतृत्व में अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई लगातार चल रही है। इसी क्रम में रविवार को ककरा कांकर कुंड और अजीजगंज क्षेत में स्थित आठ अवैध कॉलोनी पर प्रशासन का बुलडोजर चला और लगभग सौ बीघा में काटी जा रहीं अवैध कालोनी को ध्वस्त कर दिया गया।

महानगर में अवैध रूप से विकसित की जा रहीं कॉलोनी के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई लगभग छह माह से चल रही है। रविवार को दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक ककरा-कांकर कुंड और अजीजगंज क्षेत्र में की जा रही अवैध प्लाटिंग के खिलाफ सिटी मजिस्ट्रेट व तहसील की टीम ने अभियान चलाया। 

दोपहर से शाम तक चली कार्रवाई में लगभग सौ वीघा जमीन पर विकसित हो रहीं आठ अवैध कॉलोनी को ध्वस्त करते हुए जेसीबी से तुड़वा दिया गया। साथ ही कालोनाइजर को हिदायत दी गई कि मानकविहीन कॉलोनी का विकास नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने वालों पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। 

बताया जा रहा है कि बीते छह महीने के दौरान लगभग 20 अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई की गई है और इनमें से ज्यादातर सत्तापक्ष से जुड़े हुए हैं। दूसरी ओर कुछ कालोनाइजर से कार्रवाई होता देख सत्ता पक्ष के एक नेता की शरण ली है। अधिकारियों ने बताया कि बिना ले-आउट पास कराए कालोनी का विकास नहीं किया जा सकता है। 

नियमानुसार विनियमित क्षेत्र से कालोनी का नक्शा पास कराने और पार्क आदि की सुविधाएं देने के बाद ही कालोनी का विकास कराया जाना चाहिए। इसके बाद भी कुछ लोग बिना नक्शा पास कराए ही कालोनी का विकास कर रहे हैं। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। खन्नौत और गर्रा नदी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र पर विशेष नजर रखी जा रही है।

मनमानी ढंग से अवैध कालोनी का विकास नहीं होने दिया जाएगा। ऐसे निर्माण चिह्नित कर लगातार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। जो लोग बिना लेआउट, कृषि भूमि पर कालोनी काट रहे हैं उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई ली जा रही है---डॉ. वेद प्रकाश मिश्र, सिटी मजिस्ट्रेट।

अवैध कॉलोनी को भी सरकार से पास बता रहे कालोनाइजर
कालोनाइजर आम आदमी को झूठ बोलकर प्लाट बेच रहे हैं। लुभावने ऑफर और ढेर सारे सपने दिखाकर लोगों की जिंदगी भर की कमाई अवैध कालोनी में फंसवा रहे हैं। अवैध कालोनी को सरकार से स्वीकृत बताकर लोगों की जेब काटी जा रही है। जानकारी न होने के चलते लोग प्लाट खरीद भी रहे हैं।

महानगर में इस समय 100 से ज्यादा अवैध कालोनी ऐसी हैं जो बस चुकी हैं और लगभग इतनी ही बसाई जा रही थीं। इनमें से 20 से ज्यादा पर बीते छह महीने के दौरान बुलडोजर चल चुका है। इसके बाद भी कालोनाइजर बाज नहीं आ रहे हैं। शहर में रहने वालों को मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, पार्क, पानी निकासी की व्यवस्था, गाड़ी मोड़ने की जगह आदि मिल सकें इसके लिए विनियमित क्षेत्र का गठन किया गया है। विनियमित क्षेत्र का कार्य अनियोजित विकास को रोकना होता है ताकि शहर की सुंदरता न बिगड़े। इसके बाद भी 100 से ज्यादा कॉलोनी कैसे कट गईं यह विनियमित क्षेत्र से सवाल बना हुआ है।

न लेआउट पास न रेरा में पंजीकृत और कट गईं कालोनी
एक वैद्य कालोनी में सारी सुविधाएं होती हैं। इसके लिए नियमानुसार पूरी कालोनी का ले आउट बनाकर विनियमित क्षेत्र में जमा करना होता है। इसके बाद इंजीनियर मौके पर जाकर जांच करते हैं और कालोनी में सारी सुविधाएं होने के बाद ही ले आउट को पास किया जाता है। इसके विपरीत अवैध कालोनी का न तो लेआउट पास होता है और न ही रेरा में पंजीकरण होता है। 

कई कालोनी तो काश्तकारों से बिना पंजीकृत अनुबंध के ही खेती की जमीन पर बसाई जा रही हैं। इन अवैध कालोनी में कहीं पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है तो कहीं संकरी सड़कें हैं। अवैध कालोनी में पार्क नहीं हैं। बच्चे कहां खेलेंगे और बुजुर्ग कहां टहलेंगे कॉलोनाइजर्स के पास इस सवाल का जवाब नहीं है। बस सस्ते प्लांट के लालच में लोगों को फांस कर अवैध कालोनी बसाते जा रहे हैं और अपनी जेबें भर रहे हैं।

मानचित्र स्वीकृति के दौरान हो रहा खुलासा
प्लॉट खरीदने के बाद जब लोग वहां रहने के लिए मकानों के मानचित्र स्वीकृत कराने जाते तो उन्हें पता चलता है कि लेआउट नहीं स्वीकृत होने से मानचित्र नहीं पास हो पाएगा। एक बार सड़क, नाली टूटी तो दूसरी बार इन मूलभूत सुविधाओं के मिलने में अवैध का दाग आड़े आना तय है। सिर्फ लेआउट पास न होना ही आखिरी गड़बड़ी नहीं है। बल्कि बड़ी संख्या में रियल एस्टेट कारोबारी तो काश्तकारों से मौखिक अनुबंध पर प्लॉटिंग कर रहे हैं। जैसे-जैसे प्लॉट बिकता है, काश्तकारों को तय रकम देते हैं। ऐसे में बिना जमीन की रजिस्ट्री कराए या पंजीकृत अनुबंध कराए न तो ले-आउट पास हो सकता और न रेरा में पंजीकरण।  

सिस्टम की उदासीनता की वजह से भी अवैध कॉलोनियों के बसने का सिलसिला थम नहीं पा रहा। कार्रवाई के बाद भी कालोनाइजर के हौसले बुलंद एक ओर विनियमित क्षेत्र और सिटी मजिस्ट्रेट अवैध कालोनी पर बुलडोजर चलवा रहे हैं और दूसरी ओर कॉलोनाइजर ढहाए जाने के कुछ दिन के बाद ही दोबारा से निर्माण शुरू कर देते हैं। 

जनता को झांसा देते हैं कि पहले उनकी कालोनी का लेआउट पास नहीं था इसलिए ध्वस्त कर दी गई थी, लेकिन अब लेआउट पास हो चुका है। इसलिए कोई परेशानी नहीं है। हालांकि विनियमित क्षेत्र के नियत प्राधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. वेद प्रकाश मिश्र का कहना है कि बिना लेआउट पास कराए कालोनी का विकास नहीं किया जा सकता। 

अगर बिना कालोनी का लेआउट पास कराए कोई कालोनी काटता है तो उसे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। जनता को अपने जीवन भर की कमाई कालोनी में लगाने से पहले जांच पड़ताल करनी चाहिए। ध्वस्त करने के बाद भी कालोनी काटी जा रही है तो उसे दोबारा ध्वस्त किया जाएगा।

यह भी पढ़ें- शाहजहांपुर: विनोद सर्राफ के शोरूम में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने किया काबू 

संबंधित समाचार