Kanpur News: GSVM PGI में इंडोस्कोप से बैक व डिस्क पेन का इलाज; रोजाना लग रही मरीजों की भीड़, जानें स्पाइनल दर्द की वजह.....

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में जीएसवीएम पीजीआई में इंडोस्कोप से बैक व डिस्क पेन का इलाज किया जा रहा है।

जीएसवीएम पीजीआई की पेन मेडिसिन ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 70 से 80 मरीज इलाज कराने को पहुंच रहे हैं, जिनमें स्पाइनल पेन (रीढ़ की हड्डी) के मरीज अधिक होते हैं।

कानपुर, अमृत विचार। अगर आप भी दिनभर बाइक चलाते हैं या काफी समय तक बैठ कर काम करते हैं और गलत तरह से सोते हैं तो सावधान रहने की जरूरत है। इन वजहों से स्पाइनल, बैक व डिस्क पेन की समस्या हो सकती है। ऐसे रोगियों की संख्या इन दिनों काफी बढ़ी है। कभी-कभी यह समस्या गंभीर होने पर दवा काम नहीं करती है, तब ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है, जिसकी सुविधा अब जीएसवीएम की पीजीआई में है। 

जीएसवीएम पीजीआई की पेन मेडिसिन ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 70 से 80 मरीज इलाज कराने को पहुंच रहे हैं, जिनमें स्पाइनल पेन (रीढ़ की हड्डी) के मरीज अधिक होते हैं। इसके बाद बैक पेन व डिस्क पेन की समस्या से ग्रस्त मरीजों की संख्या है। पीठ व कमर में हो रहे दर्द की समस्याओं को नजर अंदाज करने पर यह समस्या गंभीर हो जाती है, जिसके बाद मरीज में दवा का असर कम हो जाता है। करीब 10 फीसदी मरीजों में ऑपरेशन की नौबत आती है। 

ऐसी स्थिति में चलने-फिरने व उठने-बैठने में भी मरीज को दिक्कत होने लगती है। दर्द से जूझ रहे मरीजों का इलाज पीजीआई में इंडोस्कोप के माध्यम से किया जा रहा है, जिससे मरीजों को काफी लाभ मिल रहा है। पीजीआई के प्रभारी प्रो. मनीष सिंह ने बताया कि जब रीढ़ या स्पाइन सही अवस्था में नहीं रहती तो पीठ की मांसपेशियां, लिगामेंट्स और डिस्क पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। 

मजबूत मांसपेशियां रीढ़ को उचित सीध में रखती हैं और पीठ दर्द से बचाती हैं। रीढ़ के किसी भी हिस्से पर दबाव पडने से पीठ में दर्द हो सकता है। यह दर्द गर्दन से लेकर कमर के निचले हिस्से तक हो सकता है। रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल)  शरीर का आधार होती है। अगर ये स्वस्थ है, तभी व्यक्ति स्वस्थ रह सकता हैं। लेकिन कई बार लोग इसकी देखभाल करना भूल जाते हैं। यही कारण है कि हर वर्ग के लोगों में अब कमर और पीठ दर्द की समस्या हो रही है। 

स्पाइनल दर्द की मुख्य वजह 

स्पाइनल दर्द की मुख्य वजह खराब जीवनशैली, उठने-बैठने का गलत पोस्चर, उम्र बढ़ना और आनुवंशिक कारण है। यह सिर्फ पीठ दर्द ही नहीं, बल्कि स्लिप डिस्क जैसी समस्याएं भी होती हैं। ऑफिस में एक ही अवस्था में गलत पोस्चर में ज्यादा समय तक बैठने से पीठ, कमर या गर्दन के दर्द से जूझना पड़ सकता है। गलत कुर्सी, टाइपिंग की गलत टेक्नीक, मॉनिटर की पोजीशन ठीक न होने, ठीक ढंग से खड़े न होने या बैठने से भी पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। 

ऐसे करें बचाव 

-रीढ़ और गर्दन को सीधा रखने का प्रयास करे 

-लगातार झुक कर काम करने से बचें।

-की-बोर्ड या टाइपराइटर पर काम करते समय कलाइयां सीधी रखें।

- एलबो लगभग 60 डिग्री पर मोड़ कर रखें।

-कुर्सी की ऊंचाई इतनी रखें कि पैर फर्श पर आसानी से टिकें। 

-घुटनों को 90 डिग्री तक मोड़ कर रखें।

-एक ही अवस्था में न बैठे और हर दो घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लें। 

-नियमित व्यायाम करें। पीठ दर्द में वॉकिंग अच्छी एक्सरसाइज है।

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