बिहार में सियासी उठापटक तेज, मांझी से मिले सम्राट तो चिराग पासवान ने शाह से की मुलाकात

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Published By Vishal Singh
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पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतनराम मांझी अपने चार विधायकों के साथ बिहार में सत्ता की चाभी बनकर उभरे हैं। राजग में किसी तरह की सेंध से बचने और जादुई आंकड़ा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने शनिवार को आनन-फानन में मांझी से मुलाकात की। 

दोनों नेताओं ने करीब आधे घंटे तक बंद कमरे में बिहार के बदले राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की। हालांकि बैठक के बाद  चौधरी संवाददाताओं के सवालों से बचते दिखे और पार्टी कार्यालय वापस चले गए। माना जा रहा है कि चौधरी ने मांझी को राजग के साथ बने रहने की खातिर मनाने के लिए फोन किया था। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजग के साथ सरकार बनाने से रोकने के इरादे से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मांझी को महागठबंधन में शामिल होकर नई सरकार के गठन में मदद करने के लिए उनके पुत्र संतोष कुमार सुमन को उपमुख्यमंत्री बनाने की पेशकश भी की थी। 

हालांकि, मांझी ने राजद के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि वह पूरी तरह राजग के साथ हैं। उल्लेखनीय है कि मांझी की पार्टी के चार विधायकों को मिलाकर 76 विधायकों वाली भाजपा और 45 विधायकों वाली जदयू बिहार में आराम से नई सरकार बना सकती है। इससे 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में राजग के विधायकों की संख्या 125 होगी।

अमित शाह से मिले चिराग पासवान
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपने पूर्व सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ फिर से हाथ मिलाने की अटकलों के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान पासवान ने अपनी पार्टी की चिंताओं से दोनों नेताओं को अवगत कराया।

चिराग ने कहा कि उन्हें ‘‘आश्वासन’’ दिया गया है। बैठक के बाद, पासवान ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस मामले पर अपनी पार्टी के रुख को तय करने से पहले इस बात का इंतजार करेंगे कि जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होते हैं या नहीं।

दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग ने यह नहीं बताया कि शाह और नड्डा ने उन्हें राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में क्या बताया है। नीतीश कुमार और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि बिहार के मुख्यमंत्री एक बार फिर पाला बदलने के लिए तैयार हैं।

पासवान ने कहा, ‘‘बिहार के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर हमारी चिंताएं हैं। हालांकि, बिहार के घटनाक्रम को लेकर कोई अधिकृत जानकारी नहीं है। मैंने बैठक में अपनी चिंताओं को दृढ़ता से उठाया और कई मुद्दों पर आश्वासन प्राप्त किया।’’ पासवान ने कहा कि आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होने पर उनकी पार्टी अपना रुख तय करेगी।

उन्होंने कहा कि वह हाल के दिनों तक भाजपा नेताओं के संपर्क में थे और उन्हें पता चला कि इन अटकलों में कुछ ‘‘सच्चाई’’ है। भाजपा के सहयोगियों को आशंका है कि कुमार की राजग में मौजूदगी से चुनाव में उनके हिस्से की सीट संख्या में कमी हो सकती है।

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