पीलीभीत: मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से मारपीट, विरोध में ओपीडी ठप...भटकते रहे मरीज 

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Published By Vishal Singh
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दवा के लिए भटकते रहे मरीज और तीमारदार, नहीं मिला इलाज

पीलीभीत, अमृत विचार। मेडिकल कॉलेज के स्टाफ और महिला मरीज संग आए तीमारदारों में मारपीट हो गई। जिसमें वरिष्ठ चिकित्सक समेत अन्य स्टाफ को चोटें आई। घटना के दूसरे दिन विरोध में ओपीडी ठप रही और स्टाफ हड़ताल पर चला गया।

दूर दराज से आए मरीज और तीमारदार दिनभर भटकते रहे। कई घंटे चली वार्ता के बाद पुलिस की ओर से मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और कैंपस में सुरक्षा के दृष्टिकोण से अस्थायी चौकी बनाने का आश्वासन दिया गया। तब जाकर हड़ताल समाप्त हो सकी।  हालांकि दिनभर  चली गहमागहमी के दौरान मरीजों को इलाज नहीं मिल सका।

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स्वाशासी चिकित्सा महाविद्यालय से सबंद्ध जिला अस्पताल में शुक्रवार रात इमरजेंसी ड्यूटी पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस पी सिंह, जूनियर चिकित्सक डॉ. लवेश अग्रवाल मौजूद थे। उनके साथ में अन्य पैरामेडिकल स्टाफ भी कार्यरत था।

बताते हैं कि रात करीब 12:30 बजे मोहल्ला देशनगर के कुछ लोग एक महिला मरीज को लेकर इमरजेंसी में आए। कुछ युवक शराब के नशे में धुत थे, जोकि इंमरजेंसी में हंगामा करने लगे। स्टाफ ने उन्हें शांत कराने का प्रयास किया तो वह उग्र हो गए। ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ से मारपीट करने लगे।

चीख पुकार सुनकर जब ड्यूटी पर मौजूद डॉ. लवेश अग्रवाल और डॉ. एसपी सिंह मौके पर पहुंचे व समझाने का प्रयास किया तो उन पर भी हमला कर दिया गया। धक्का मुक्की करते हुए मारपीट की गई। जिसमें डॉ. एसपी सिंह की नोक से खून निकलने लगा। करीब एक घंटे तक इंमरजेंसी वार्ड में हंगामा चलता रहा। डॉक्टरों ने घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को दी।

आरोप है कि काफी देर तक पुलिसकर्मी मौके पर नहीं आए। घायल डॉ. एसपी सिंह स्टाफ के साथ खुद ही देर रात कोतवाली गए और घटना की तहरीर दी। इधर, घटना से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जिसमें दूसरे पक्ष की भीड़ भी मेडिकल कॉलेज स्टाफ पर अभद्रता करने का आरोप लगाती दिखी।

कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इधर, मेडिकल कॉलेज में हुई घटना को लेकर स्वास्थ्य विभाग में शनिवार को रोष देखने को मिला। डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए  सुबह से ही  ओपीडी ठप कर हड़ताल कर दी। सभी चिकित्सक हड़ताल कर सभागार में जमा हो गए।

उनकी मांग थी कि जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिलेगी। तब तक वह ओपीडी नहीं करेंगे। कार्यवाहक प्राचार्य डा. संजीव सक्सेना, डॉ. राजेश और अन्य चिकित्सकों का एक पैनल एसपी अतुल शर्मा से मिला। एसपी ने डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेज में एक अस्थायी चौकी स्थापित कराने का आश्वासन दिया है। तब जाकर मामला शांत हो सका।

परामर्श मिला न लग पाए एंटी रेबीज इंजेक्शन 
घटना को लेकर ओपीडी सेवा ठप रही। शनिवार सुबह नौ से दस बजे तक मरीजों को देखा गया था। फिर अचानक हड़ताल कर दी गई थी। सुबह आठ बजे से ही कई मरीजों ने पर्चा काउंटर पर लाइन में लगकर अपना पर्चो बनवाकर चिकित्सक कक्ष के बाहर इंतजार कर रहे थे। अधिकतर मरीज सर्दी, जुकाम खांसी, सिरदर्द , पेट दर्द आदि की समस्या के थे। एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने आए मरीज भी बैरंग लौटे। बरखेड़ा के रहने वाले दौलतराम न्यूरो सर्जन को दिखाने आए थे। उनके बेटे के सिर में गांठ की समस्या थी। मगर हड़ताल के चलते चिकित्सक नहीं मिल सके। -

मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी ड्यूटी में डॉक्टरों से मारपीट की घटना निंदनीय है। इसी वजह से डॉक्टरों ने कुछ देर के  लिए ओपीडी बंद कर दी थी। कार्रवाई और कैंपस में एक अस्थायी चौकी बनाने का आश्वासन मिला है। फिलहाल हड़ताल खत्म कर दी गई है। - डॉ. संजीव सक्सेना, कार्यावाहक प्राचार्य मेडिकल कॉलेज

मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से हुई मारपीट के मामले में चिकित्सक की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। वायरल  हुई वीडियो के आधार पर मारपीट करने वाले आरोपियों की पहचान कराई जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। संबधित पुलिस चौकी के इंचार्ज को सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। - अंशु जैन, सीओ सिटी

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