पीलीभीत: सारा गगन मंडप, सारा जग बराती..परिणय सूत्र में बंधे 936 जोड़े
921 जोड़ों के मंडप में गूंजे मंत्र, 15 जोड़ों के लिए कुरआन की आयतें
पीलीभीत, अमृत विचार। शहर का ड्रमंड राजकीय इंटर कॉलेज मैदान शनिवार को सामाजिक सौहार्द का गवाह बना। सामूहिक विवाह समारोह में भव्य मंडप के नीचे 936 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। एक पंडाल में मंत्रोच्चारण के बीच सात फेरे हुए और दूसरी तरफ निकाह पढ़ाए गए।
कड़ाके की ठंड के बीच हजारों लोग इस सामूहिक विवाह समारोह के साक्षी बने। इस दौरान राज्यमंत्री समेत अन्य जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने पुष्प वर्षा कर वर-वधुओं को सफल दांपत्य जीवन का आर्शीवाद दिया। वैवाहिक संस्कार संपन्न होने के बाद नवविवाहित जोड़ों को उपहार देकर विदा किया गया।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शनिवार को शहर के ड्रमंड राजकीय इंटर कॉलेज परिसर में सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। समारोह को लेकर भव्य पंडाल बनाया गया। मुस्लिम समुदाय के निकाह संपन्न कराने के लिए पास में ही एक अन्य पंडाल की व्यवस्था की गई। शनिवार सुबह से ही वर-वधु पक्ष के लोगों के सिलसिला शुरू हो गया।
सामूहिक विवाह समारोह में व्यवस्थाएं छिन्न-भिन्न न हो, पंडाल को सेक्टरों में बांटा गया। राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार ने समारोह स्थल पर पहुंचकर दीप प्रज्ज्वलन करने के साथ भगवान गणेश को पुष्प अर्पित कर शुरुआत कराई। इस दौरान उन्होंने पंडाल का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और वर-वधुओं पर पुष्प वर्षा कर उनके सुखी जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि सभी जोड़े अपनी जिंदगी की नई शुरूआत करने जा रहे हैं।

सरकार की मंशा है कि ऐसे गरीब एवं निर्धन परिवार जो शादी विवाह समारोह में होने वाले व्यय को वहन करने में सक्षम नहीं हैं, उनका भी विवाह समारोह सम्मानपूर्वक एवं धार्मिक रीति-रिवाज से संपन्न हो सके। इसीलिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की गई है। इसके अलावा उत्तराखंड के पूर्व सांसद बलराज पासी, पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान, मरौरी ब्लाक प्रमुख सभ्यतादेवी वर्मा ने भी समारोह स्थल पर पहुंचकर वर-वधुओं का हाल जाना और उन्हें सुखी दांपत्य जीवन का आर्शीवाद दिया।
सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह, डीपीआरओ, सतीश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी चंद्रमोहन विश्नोई, जिला क्रीड़ा अधिकारी राजकुमार, बीएसए अमित कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रगति गुप्ता, पीओ डूडा जया सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी प्रियंका वर्मा, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सुरेश कुमार मौर्य, खंड विकास अधिकारी मूदुला,संजय यादव, वेदप्रकाश, प्रेम सिंह आदि ने भी प्रणय सूत्र में बंधे नवविवाहित जोड़ों को आर्शीवाद दिया। समारोह स्थल पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से विवाह समारोह में होने वाली गतिविधियों को दिखाया जा रहा था।

56 जोड़े नहीं पहुंचे
समाज कल्याण विभाग की ओर से हुए इस विवाह समारोह में 992 शादियां संपन्न होनी थी। मगर, शनिवार को हुए सामूहिक विवाह समारोह में 936 जोड़े ही शामिल हुए। इसमें 921 हिंदू जोड़े और 15 मुस्लिम जोड़े निकाह करने के लिए पहुंचे। 56 जोड़े विवाह समारोह में नहीं पहुंच सके।
पंजीकरण काउंटरों पर लगी रही भीड़
सामूहिक विवाह समारोह के लिए ड्रमंड राजकीय इंटर कॉलेज में पंडाल के बाहर पंजीकरण काउंटर की व्यवस्था की गई थी। कांउटर पर तैनात कर्मचारी समारोह में आने वाले जोड़ों के अभिलेखों का मिलान करने के बाद ही उन्हें समारोह स्थल में भेज रहे थे। काउंटर के माध्यम से ही उपहार आदि देने की व्यवस्था भी की गई थी।
पंडाल को 23 सेक्टर में बांटकर की गई व्यवस्था
सामूहिक विवाह समारोह को लेकर पंडाल को 23 सेक्टर में विभाजित किया गया। प्रत्येक सेक्टर की जिम्मेदारी के लिए एक-एक अधिकारी और कर्मचारियों को दी गई थी। पंजीकरण काउंटर पर तैनात कर्मचारियों द्वारा बताए गए सेक्टर संख्या के अनुसार ही वर-वधु निश्चित स्थान पर पहुंचे। वर-वधुओं को कोई असुविधा न हो, इसको लेकर पंडाल के अंदर भी बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।
मंत्रोच्चारण के बीच 100 विवाह वेदियों पर वर-वधुओं ने सात फेरे
विवाह समारोह को लेकर 100 विवाह वेदी स्थापित की गई थी। प्रत्येक विवाह वेदी पर छह से लेकर 10 वर-वधुओं को बिठाया गया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दोपहर करीब दो बजे विवाह संस्कार शुरू हुए। पंडाल में मौजूद वर-वधुओं ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इसके बाद कन्यादान की रस्म अदा की गई। विवाह वेदियों में अग्नि प्रज्ज्वलित होने के बाद मंत्रोच्चारण के बीच वर-वधुओं ने सात फेरे लिए। पंडाल में मौजूद वर-वधु पक्ष के लोगों ने पुष्प वर्षा की।
150 पुराहितों ने संपन्न कराई वैवाहिक रस्म
समारोह स्थल पर 150 से अधिक पुरोहितों की देखेख में विवाह संस्कार संपन्न कराए गए। गायत्री परिवार के जय प्रकाश त्रिपाठी की देखरेख में वैवाहिक रस्मों की शुरूआत की गई। वैवाहिक संस्कार सकुशल संपन्न हो सके, इसको लेकर प्रत्येक विवाह वेदी पर एक महिला एवं एक पुरुष गायत्री परिजन को जिम्मेदारी दी गई।
दस-दस परिजनों के लिए की गई भोजन की व्यवस्था
विवाह समारोह में प्रत्येक वर-वधु के साथ दस-दस परिजनों को शामिल होने की छूट दी गई थी। इन सभी के भोजन के लिए पंडाल के पास ही व्यवस्था की गई। विभाग द्वारा एक जोड़े को 10 कूपन दिए गए थे। कूपन के माध्यम से ही बारातियों ने भोजन स्थल पर गरमा-गरम खाने का स्वाद चखा। हालांकि भारी भीड़ के चलते बारातियों को भोजन के लिए कतार में खड़ा होना पड़ा।
सेल्फी स्टैंड पर वीडियो बना यादगार बनाया पल
कड़ाके की ठंड के बावजूद विवाह समारोह के दौरान नवदंपति बेहद उत्साहित दिखे। परिवार वालों के चेहरे पर भी खुशी साफ तौर पर दिख रही थी। कई जोड़े बैंड बाजे के साथ मंडल स्थल पर पहुंचे। तो कई जोड़ों ने सात फेरों के बाद अपने इस यादगार पल को मोबाइल में कैद करने को समारोह स्थल में मौजूद सेल्फी स्टैंड पर खड़े होकर वीडियो बनाई और इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर किया। समारोह में शामल होने के लिए सीमित परिजनों की बाध्यता के चलते कई जोड़ों के नाते रिश्तेदार समारोह में शामिल नहीं हो सके। तो उन्होंने अपने इस पल को वीडियो कॉल के माध्यम से शेयर की।
उपहार देकर नवविवाहित जोड़ों को किया विदा
सामूहिक शादी समारोह में शामिल सभी नवविवाहित जोड़ों को उपहार देकर विदा किया गया। जिला समाज कल्याण अधिकारी चंद्रमोहन विश्नोई ने बताया कि सामूहिक विवाह समारोह में सरकार प्रति जोड़े के विवाह पर 51 हजार रुपये का व्यय कर रही है। इसमें 35 हजार रुपये सीधे खाते में भेजे जाएंगें। 10 हजार रुपये का आवश्यक सामान एवं छह हजार रुपये विवाह समारोह के आयोजन में व्यय किए जाते हैं।
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