पीलीभीत: 11 बीघा खेत पर खड़ी गन्ने की फसल, जिम्मेदारों को नक्शे में नहीं मिला रास्ता... अब कैसे हो कटाई, किसान परेशान!
पीलीभीत, अमृत विचार। ग्रामीण के ग्यारह बीघा खेत में जाने के रास्ते को पैनल कंपनी के अफसर-कर्मचारियों ने अवैध तरीके से कब्जा कर लिया। राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से अब खेत को उन्हें बेचने का दबाव बनाया जा रहा है। उधर, खेत में खड़ी फसल बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है। डीएम ने शिकायत कर एसडीएम बीसलपुर को मामले की जांच दी है।
बीसलपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम खनंका उचसिया निवासी ऋतिक सिंह पुत्र मनोज सिंह ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उनके बाबा के नाम पर 11 बीघा खेत है। खेत पर जाने के लिए सार्वजनिक रास्ता है, जिस पर होते हुए उनका परिवार ही नहीं अन्य ग्रामीण भी अपने खेतों पर जाते थे। गावं में पैनल कंपनी की ओर से क्षेत्रीय काश्तकारों की जमीन को क्रय करके पैनल प्लांट की स्थापना कराई जा रही है। पीड़ित के बाबा पर भी अपना खेत बेचने का दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन बाबा ने बेचने से इनकार कर दिया है।
आरोप है कि पैनल कंपनी के अधिकारियों-कर्मचारियों ने राजस्व विभाग से मिलीभगत कर पीड़ित के खेत पर लाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है। अभी भी खेत बेचने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि परिवार इसे नहीं बेचना चाहता है। वर्तमान में खेत में गन्ने की फसल खड़ी हुई है। मगर पैनल कंपनी के कर्मचारी खेत पर नहीं जाने दे रहे हैं। फसल खेत में खड़ी बर्वाद होने की कगार पर पहुंच गई है। पूर्व में पिता ने तहसीलदार बीसलपुर को शिकायत की थी।
आरोप है कि जब बुलावे पर पिता तहसील गए तो पहले से पैनल कंपनी के कर्मचारी मौजूद थे। उन्होंने धमकी दी कि अगर उन्हें जमीन नहीं बेची तो रास्ता कभी नहीं मिल सकेगा। पीड़ित के परिवार को मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जा रहा है। लेखपाल की भूमिका संदेहास्पद बताते हुए शिकायत का गलत निस्तारण करने का आरोप लगाया। मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने एसडीएम बीसलपुर महिपाल सिंह को जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
शिकायतकर्ता बोला- रास्ता न मिला तो कैसे होगी खेती
पीड़ित ने बताया कि पूर्व में पिता की ओर से की गई शिकायत में फर्जी निस्तारण कर दिया गया है। जिसमें बीसलपुर तहसीलदार की जांच आख्या का हवाला देते हुए कहा गया है कि ग्राम के नक्शे में कोई रास्ता ही अंकित नहीं है। न ही सोलर पैनल कंपनी के द्वारा कोई रास्ता खरीदा गया है, न ही बंद किया गया है। नक्शे में रास्ता न होने की वजह से शिकायतकर्ता को रास्ता दिया जाना संभव नहीं बताया। ऐसे में सवाल ये है कि अगर रास्ता नहीं तो सालों से खेत पर कैसे फसल उगाते आ रहे हैं। अभी भी गन्ना खड़ा है। अगर रास्ता नहीं होगा तो फसल को कैसे बेचा जा सकेगा। इसे लेकर परिवार परेशान है।
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