बरेली: जरी और बेंत कारीगरों में मायूसी, नहीं शुरू हुआ ई-कामर्स सेंटर

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। जरी और बेंत कारीगरों के लिए फरीदापुर इनायतखां में दो करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन ई-कामर्स सेंटर संचालन की राह देख रहा है। सेंटर चलाने के लिए आने वाली संस्थाओं के दस्तावेजों में कमी पाए जाने की वजह से फाइलें लौटा दी गई हैं।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के तहत फरीदापुर इनायत खां में जरी और बेंत के कारीगरों के लिए 1.19 करोड़ की लागत से ई-कामर्स सेंटर तीन महीने पहले बनकर तैयार हो गया। इसमें 80 लाख रुपये की मशीनें लगाई गई हैं। इसका संचालन कराने की जिम्मेदारी जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को दी गई है। 

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत सेंटर चलाने के लिए पिछले महीने तीन-चार संस्थाएं सामने आईं, लेकिन इनके दस्तावेजों में कुछ कमियां होने पर फाइलें लौटा दी गईं। डीआरडीए के परियोजना निदेशक तेजवंत सिंह ने बताया कि संस्था का चयन होते ही ई-कामर्स सेंटर का संचालन शुरू करा दिया जाएगा।

रोजगार के इंतजार में 13 गांवों के करीगर
ई-कामर्स सेंटर का संचालन की राह क्षेत्र के 13 गांवों के कारीगर राह तक रहे हैं। जरी-जरदोजी की डिजाइन बनवाने और उसके लिए कटिंग की मशीनें लगे काफी समय हो गया है। कंप्यूटर, इंटरनेट की सुविधा से लैस दफ्तर है। संचालन होने से क्षेत्र के पदारथपुर, नरियावल, बिथरी चैनपुर, फरीदापुर इनायत खां, उड़ला जागीर, आलमपुर गजरौला, भिंडोलिया, उदयपुर, जसरथपुर, सिमरा अजूबा बेगम, पुरनापुर, परसोंना, पदातसपुर के कारीगरों को रोजगार मिलेगा।

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