बरेली: नगर निगम में कदम-कदम पर गोलमाल, बोर्ड बैठक में मुद्दे उठते रहे और पोल खुलती रही

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Published By Vishal Singh
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बोर्ड बैठक में पार्षदों ने उठाए होटलों, रेस्टोरेंटों, बार और मंडियों से टैक्स की वसूली न किए जाने के मुद्दे

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम बोर्ड की मेयर उमेश गौतम की अध्यक्षता में हुई बैठक का लब्बोलुआब कुल मिलाकर यह रहा कि रंगीन सपनों की आड़ में ढेर सारे गोलमाल हो रहे हैं। आम लोगों को टैक्स के दो-दो और तीन-तीन बिल भेजे जा रहे हैं तो होटल और बार जैसे बड़े टैक्सदाताओं से टैक्स ही नहीं वसूल किया जा रहा है।

शहर की दो बड़ी सब्जी मंडियों का ठेका ही नहीं किया गया, इसी तरह गांधी उद्यान से फसल बहार की लाखों की आय भी शून्य हो गई है। बैठक के दौरान सबसे दिलचस्प यह रहा कि पार्षदों ने नगर निगम के जिस भी विभाग पर गोलमाल और गड़बड़ी का आरोप लगाया, उसका विभागाध्यक्ष बैठक में ही मौजूद नहीं पाया गया। हमेशा की तरह गोलमाल और गड़बड़ियां के जांच के निर्देश के साथ बैठक का पटाक्षेप हो गया।

इससे पहले सर्वसम्मति से 687.71 करोड़ का पुनरीक्षित बजट पास किया गया। हर वार्ड में 30-30 लाख रुपये के काम कराने का भी प्रस्ताव पारित किया गया।

डबल डिमांड का चक्कर : रिकॉर्ड में 26 सौ करोड़ के कर्जदार हो चुके हैं शहर के लोग
बोर्ड बैठक में टैक्स की मद में नगर निगम का 26 सौ करोड़ बकाया बताया गया तो पार्षद सतीश कातिब ने डबल डिमांड का मु्ददा उठाया। उन्होंने नगर निगम के टैक्स विभाग में बड़े पैमाने पर डबल डिमांड के मामले हैं, इसी वजह से 26 सौ करोड़ बकाया दिख रहा है। डबल डिमांड खत्म करने के लिए आपत्ति तो मांग रहा है लेकिन लोगों के जवाब देने के बाद भी उनका निस्तारण नहीं कर रहा। इस वजह से अनुमान लगाना ही मुश्किल है कि असल में कितना टैक्स बकाया है। मेयर ने नगर आयुक्त को इस प्रकरण को सुलझाने को कहा।

शहर से पकड़े बंदर हाईवे किनारे छोड़ दिए
शहर में बंदर, कुत्ते और सांड़ पकड़ने का मुद्दा उठा तो नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने दावा किया कि पिछले नौ महीने में 869 बंदर पकड़े गए हैं। इस पर पार्षद राजेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि शहर से 10 हजार बंदर पकड़कर उन्हें पीलीभीत के जंगल में छोड़ने की बात कही गई थी लेकिन ठेकेदार बंदरों को शहर के बाहर हाईवे किनारे छोड़ दिया है। राजेश और गौरव सक्सेना ने मांग की कि अब बंदर पकड़े जाएं तो उन्हें छोड़ने की जीआईएस फोटो भी साथ में दी जाए।

दुकानों का किराया नहीं बढ़ाया, जो था उसकी भी वसूली में बेपरवाही, विज्ञापनों के ठेकों में शर्तों के उल्लंघन के आरोप
पार्षद कपिल कांत ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में भवनों और गृहों से वसूली तीन करोड़ थी, इस बार भी तीन करोड़ है। शासनादेश है कि दुकानों का किराया हर तीन साल में 15 फीसदी बढ़ना चाहिए फिर भी राजस्व विभाग नहीं बढ़ा रहा है। 28 जनवरी तक 1.28 करोड़ की वसूली हुई है। बाकी दो महीने में लक्ष्य पूरा होना भी मुश्किल है। इसके लिए दुकानों के एग्रीमेंट को कारण बताते हुए कहा गया कि सदन में प्रस्ताव पास होने के बाद अब सभी दुकानों का किराया बढ़ाया जाएगा। विज्ञापनों के लिए दिए गए चार करोड़ के ठेके में भी राजस्व अफसरों पर शर्तों के उल्लंघन और कम वसूली का आरोप लगाया गया। पार्षद मुकेश सिंघल और आरिफ कुरैशी ने कोतवाली के पास पुल और सड़क बनने के बाद पाइप लाइन डालने का मुद्दा उठाया।

कुतुबखाना और शहामतगंज मंडी का टेंडर नहीं मोती पार्क स्टैंड में भी गोलमाल, अवैध उगाही
नगर निगम क्षेत्र की चार मंडियों में से कुतुबखाना और श्यामगंज मंडी का टेंडर ही न किए जाने का गंभीर मुद्दा भी उठा। कहा गया कि एलन क्लब मंडी का 80 लाख का टेंडर हुआ लेकिन 48 दिन नगर निगम खुद वसूली कराता रहा। लेखाधिकारी ने बताया कि 83.19 लाख अब तक वसूल हो चुके हैं। पार्षदों ने दो मंडियों से वसूली न करने से नगर निगम को भारी क्षति होने का आरोप लगाया। पार्षद इस पर राजस्व प्रभारी से जवाब चाहते थे लेकिन पता चला कि वह चुनाव की ट्रेनिंग की वजह से बैठक में ही नहीं आए हैं। यह भी आरोप लगा कि मोती पार्क स्टैंड में जितने वाहन खड़े होते हैंं, उतने दिखाए नहीं जाते हैं। मोती पार्क के साथ आसपास खड़े होने वाले ठेलों से भी रोज हजारों की उगाही होती है। इस अवैध वसूली की वीडियो रिकार्डिंग भी है। गंभीर आरोपों पर मेयर ने मंडियों के ठेके न करने पर तीन दिन में जवाब मांगा। चेतावनी दी कि राजस्व हानि के लिए जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी।

होटलों, रेस्टोरेंट, बार से नहीं ले रहे टैक्स, संचार कंपनियां मुफ्त में काट रहीं सड़कें
पार्षद राजेश अग्रवाल ने मुद्दा उठाया कि दो-तीन साल पहले बजट में शहर के होटल, रेस्टोरेंट, शराब की दुकानें और बार के लाइसेंस बनाने की मद में करीब एक करोड़ की वसूली होती थी लेकिन पिछले साल वर्ष इस मद में 20 लाख रुपये की ही आय दिखाई गई है। उन्होंने सवाल किया कि यह वसूली क्यों नहीं की जा रही है। बोले, निजी संचार कंपनियों ने शहर में तारों के जाल फैला रखे हैं। ये कंपनियां सड़क काट देती है लेकिन उनसे मेंटीनेंस चार्ज भी नहीं लिया जा रहा है। अफसरों ने एग्रीमेंट को कारण बताया। मेयर ने कहा कि जियो कंपनी के एग्रीमेंट की फाइल तलब की और एग्रीमेंट को रद कराने को कहा। पार्षदों ने पीलीभीत रोड पर बगैर एनओसी लिए संचार कंपनी के टॉवर लगाने का भी आरोप लगाया। मेयर ने अपर नगर आयुक्त प्रथम को इसकी जांच करने को कहा।

15 फरवरी तक डोर टू डोर के आर्डर जारी हो
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का ठेका न होने का मुद्दा उठा तो अफसरों ने बताया कि जोन- 3 और जोन- 4 में सात-सात और जोन एक और दो में चार-चार टेंडर आए हैं। इनकी तकनीकी जांच की जा रही है। मेयर ने पूछा, यह जांच कब तक पूरी हो जाएगी। इस पर अफसर चुप्पी साध गए। मेयर ने 15 फरवरी तक हर हालत में डोर टू डोर के वर्क ऑर्डर जारी करने को कहा।

पार्षदों ने पूछा- जलकल विभाग ने कहां करा दिए 19 करोड़ के काम
पार्षदों ने पानी का कनेक्शन लेने के लिए 22 सौ रुपये की रसीद कटवाने की बाध्यता का मुद्दा भी उठाया। कहा, नवदिया में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। अध्यक्ष ने पूछा, कनेक्शनों को फ्री देने की बात कही गई है फिर चार्ज क्यों लिया जा रहा है, इसकी जांच की जाए। जलकल अभियंता ने बताया कि जलकल विभाग ने शहर में 19 करोड़ के काम कराए हैं। यह सुनकर चौंके पार्षदों ने सवाल उठाया कि निर्माण विभाग सिर्फ 5-6 करोड़ के काम करा पा रहा है और जलकल विभाग 19 करोड़ के, कोई काम भी शहर में नहीं दिख रहा है। इसके बाद जलकल के कामों की सूची मांगी गई है।

पशुओं के चारे का बजट 50 लाख बढा
नगर निगम के कांजी हाउस और कान्हा उपवन में निराश्रित पशुओं के साथ एक सप्ताह में तैयार होने वाली नई गोशाला में रहने वाले पशुओं के भूसे और हरे चारे के लिए 2.75 करोड़ का बजट तय किया गया था लेकिन पशुओं और गोशाला के बढ़ने के कारण इसे 3.25 करोड़ कर दिया गया।

आखिर में बोले मेयर- अब होली पर भी नजर आएगी दिवाली
मेयर ने बैठक के आखिर में कहा कि नगर निगम 10 हजार लाइटें खरीद रहा है। हर वार्ड में सौ लाइटें लगाई जाएंगी। इसके साथ 31 मार्च तक मरम्मत के भी काम कराए जाएंगे। बोले, सड़क में कहीं भी पाइप लाइन की लीकेज को ठीक किया जाएगा तो उसके गड्डे भी जलकल विभाग भरेगा। आउटसोर्सिंग फर्मों के लिए रोजगार कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों से काम कराने की बाध्यता लागू की जाएगी। उन्होंने पहले भर्ती हुए लोगों की जांच कराने और और कमी पाए जाने पर फर्म को ब्लैकलिस्ट करने को कहा।

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