मुरादाबाद : हाईकोर्ट ने सीए मर्डर केस के आरोपी गुग्गू पर समाप्त किया एनएसए, रिहाई के आदेश
मुरादाबाद। चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) श्वेताभ तिवारी हत्याकांड में आरोपी विकास शर्मा उर्फ गुग्गू निवासी रेती स्ट्रीट चौमुखा पुल को हाईकोर्ट प्रयागराज ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट प्रयागराज में न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा व अनीश कुमार गुप्ता की डबल बेंच ने आरोपी पर लगे राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) को खत्म करते हुए उसे अन्य मामले में जेल में निरुद्ध रखने की जरूरत न होने पर तत्काल रिहा करने का आदेश पारित किया है। इस फैसले के आदेश को न्यायालय ने शुक्रवार को सार्वजनिक भी कर दिया है। विकास शर्मा उर्फ गुग्गू की तरफ से हाईकोर्ट में अधिवक्ता धर्मेंद्र धर दुबे ने याचिका दायर की थी।
इस पूरे मामले में अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि विकास शर्मा उर्फ गुग्गू के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट ने छह सितंबर 2023 को एनएसए लगाया था। इसके बाद 18 अक्टूबर 2023 को अगले तीन महीने के लिए फिर से एनएसए को प्रभावी कर दिया था। अधिवक्ता ने जिला मजिस्ट्रेट के 6 सितंबर 2023 के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने बताया कि सीए श्वेताभ तिवारी की 15 फरवरी 2023 को दिल्ली पर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने पूर्व ब्लाक प्रमुख ललित कौशिक को मुख्य साजिशकर्ता बताकर घटना का पर्दाफाश करने का दावा किया था।
साथ ही शूटर केशव सरन शर्मा, विकास शर्मा उर्फ गुग्गू व खुशवंत उर्फ भीम को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। वर्तमान में ललित कौशिक बलरामपुर, केशव सरन शर्मा व विकास शर्मा उर्फ गुग्गू बिजनौर जेल में निरुद्ध है जबकि, खुशवंत उर्फ भीम मुरादाबाद जेल में है। अधिवक्ता ने बताया कि विकास शर्मा उर्फ गुग्गू की सीए श्वेताभ तिवारी के पार्टनर संदीप ओझा से दोस्ती थी। पुलिस ने संदेह जताया कि श्वेताभ की संपत्ति में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी संदीप की है और विकास शर्मा संदीप के जरिए उनकी संपत्ति पर कब्जा करने की नियत से सीए की हत्या में शामिल रहा होगा। इसी संदेह में पुलिस ने उसे भी हत्या का आरोपी मानकर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पुलिस ने विकास को अगवानपुर से उठाकर अवैध कैद में रखा : अधिवक्ता
अधिवक्ता अभिषेक शर्मा का कहना है कि विकास शर्मा उर्फ गुग्गू को मझोला पुलिस ने 16 मार्च 2023 को शाम पांच बजे के दौरान अगवानपुर से उठा लिया गया था। फिर उसे 31 मार्च 2023 तक अर्थात 15-16 दिन तक अवैध कैद में रखा गया। इस मामले में विकास की बहन संगीता शर्मा ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र भी दिया था। जिस पर न्यायालय ने मझोला पुलिस से आख्या तलब की थी तो पुलिस ने आख्या में साफ इनकार किया कि विकास शर्मा नाम का कोई व्यक्ति उनके पास नहीं है। फिर संगीता शर्मा ने अधिवक्ता के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र दिया गया। इसमें उसने स्पष्ट किया कि 22 मार्च 2023 को उसने अपने भाई विकास शर्मा को मझाेला थाने पर देखा है। उसने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज जांचने की भी मांग की थी। लेकिन, जांच अधिकारी ने थाने के कैमरे खराब होना बताया था।
हत्याकांड मामले में मिली चुकी है जमानत
अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने बताया कि सीए हत्याकांड में विकास शर्मा उर्फ गुग्गू को जमानत मिली चुकी है। उसके जमानत वाले दस्तोवज शुक्रवार को सत्यापित होने के लिए तहसील गए हैं। अब चूंकि हाईकोर्ट ने एनएसए को खारिज कर दिया है, इसलिए तहसील से कागजों का सत्यापन पूरा होते ही वह जनामत पर जेल से रिहा हो जाएगा।
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