स्वामी प्रसाद ने रामभद्राचार्य और भगवान राम पर की अभद्र टिप्पणी, कहा- राम में ताकत होती तो वह आज अस्पताल में न होते!

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Published By Sachin Sharma
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विहिप कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले को दिखाया काला झंडा, फेंका जूता और काली स्याही

जमकर किया विरोध, लगाए मुर्दाबाद के नारे, पहुंची पुलिस से हुई नोकझोंक

कौशांबी। समाजवादी पार्टी के विवादित नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के पहुंचते ही सड़क पर जमकर विरोध हुआ। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे हिंदूवादी लोगों ने काफिले पर काली स्याही और जूते फेकने के साथ काला झंडा दिखाते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए। मौके पर तैनात रही भारी संख्या में मौजूद पुलिस ने किसी तरह से लोगों को काबू में किया।

स्वामी प्रसाद रविवार ने एक बार विवादित टिप्पणी की है। कौशांबी में राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में पहुंचने पर उन्होंने श्रीराम और जगद्गुरु रामभद्राचर्या पर विवादित बयानबाजी की। बता दें कि हिंदू धर्म पर विवादित बयान बाजी को लेकर चर्चाओं में रहने पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या रविवार को मुख्यालय मंझनपुर के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे।

पहले से मौजूद विहिप नेताओ ने सैनी के करनपुर सौरई चौराहे के पास काफ़िला पहुंचते ही काफिले को काला झंडा दिखाकर अपना विरोध दर्ज कराया। यहीं नहीं कुछ लोगों ने उनके ऊपर जूते फेके और काली स्याही फेंकी। हंगामा काट रहे लोगों ने जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए। मौके पर मौजूद पुलिस ने हंगामा करने वाले लोगों को रोकने का काफी प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस लोगों पर काबू पाने में सफल रही।

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सभा में स्वामी प्रसाद मौर्या ने भाजापा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने शीर्ष नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देकर सही किया लेकिन उन्हे जिस स्थान पर होना चाहिये था, वहा भाजपा ने उनके कद को दबा दिया। वहीं पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और जगद्गुरु रामभद्राचार्या पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कहा कि रामभद्राचार्या को अयोध्या जाना चाहिए, लेकिन वह अस्पताल में है। अगर राम में ताकत होती तो वह अस्पताल में न होते।

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