पीलीभीत: 350 आरआरसी सेंटर बनाने में लाखों किए खर्च, अभी भी नहीं हो रहा इस्तेमाल 

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Published By Vishal Singh
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उप निदेशक पंचायत ने डीपीआरओ को सात दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने के दिए आदेश

पीलीभीत, अमृत विचार। गांवों को कचरा मुक्त बनाने के लिए गांवों में लाखों रुपए की लागत से बने आरआरसी सेंटर बेकार साबित हो रहे हैं। सफाई कर्मी गांवों से निकला कूड़ा आरआरसी सेंटरों में न डालकर इधर-उधर डाल रहे हैं। उप निदेशक पंचायत ने मामले को संज्ञान में लेते हुए डीपीआरओ को सात दिन के भीतर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था दुरुस्त कराने के आदेश दिए हैं।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद के 358 गांवों को ओडीएफ प्लस किया गया है। शासन ने गांवों को कचरा मुक्त बनाने के लिए के लिए ओडीएफ प्लस गांवों में आरआरसी सेंटर (एकीकृत ठोस प्रबंधन केंद्र) बनाने के आदेश दिए गए हैं। जनपद में अब तक  350 आरआरसी सेंटरों का निर्माण कराया जा चुका है। गांवों के सार्वजनिक स्थलों से निकलने वाले कूड़े को एकत्र कर आरआरसी सेंटरों तक पहुंचना था।

इसमें वर्मी कंपोस्ट पिट भी बनाए गए थे। ताकि केंचूए और गोबर डालकर खाद बनाई जा सके। इधर लाखों रुपए खर्च कर आरआरसी सेंटरों का तो निर्माण करा दिया गया, लेकिन ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मी गांवों से निकलने वाले कूड़े को आरआरसी सेंटरों में न डालकर इधर-उधर डाल रहे हैं।

सिंगल यूज प्लास्टिक भी नालियों समेत जहां-तहां पड़ी दिखाई दे रही है। आरआरसी सेंटरों में बने अधिकांश वर्मी कंपोस्ट पिट भी खाली दिख रहे हैं। इसमें अभी तक न तो गोबर डाला जा रहा है और न ही केंचूए छोड़े गए हैं। ऐसे में गांवों को कचरा मुक्त बनाने की शासन की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है।

इधर आरआरसी सेंटरों का मामला उप निदेशक पंचायत के संज्ञान में आया है। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को सात दिन के भीतर आरआरसी सेंटरों की व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने सफाई कर्मियों के माध्यम से कचरा एवं प्लास्टिक आरआरसी सेंटरों में पहुंचाने की व्यवस्था कराने को कहा है।

इसके साथ ही वर्मी कंपोस्ट पिट के लिए गोबर की व्यवस्था कराने के साथ केंचुए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को अपने स्तर से इन सभी कार्यो की समीक्षा कर सूचना भिजवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आरआरसी सेंटर के लिए संबंधित पंचायत सचिव एवं सहायक विकास अधिकारियों को उत्तरदायित्व निर्धारित करने को कहा है।

ओडीएफ प्लस क्या है..नहीं जानते ग्रामीण
उप निदेशक पंचायत ने जारी आदेश में कहा है कि ग्राम पंचायतों में ग्रामीण और पंचायत सदस्यों को ओडीएफ प्लस क्या हैं और इससे कौन-कौन से कार्य होने हैं, इसकी ही जानकारी नहीं है। इसको लेकर उन्होंने खंड प्रेरक एवं सहायक विकास अधिकारी पंचायत के माध्यम से ग्राम पंचायतों में ओडीएफ प्लस संबंधी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं।

आरआरसी सेंटरों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के सभी ब्लाक कोआर्डिनेटर को निर्देशित किया गया है। जल्द ही सभी व्यवस्था दुरुस्त करा ली जाएगी। - सतीश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी

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