पीलीभीत: नामकरण की दावत के बाद अचानक लगी आग, गृहस्वामी और सात मवेशी झुलसे
दो लाख कीमत का सामान भी जलकर हुआ राख, नायब तहसीलदार ने जुटाई जानकारी
पीलीभीत, अमृत विचार। ग्रामीण के घर पौत्र के नामकरण की दावत निपट ही सकी थी। कुछ घंटे बाद ही अचानक पशु बांधने के लिए बनाई गई झोपड़ी में आग लग गई। आग की ऊंची लपटें उठने पर इसका पता चला तो भीड़ लग गई। आग बुझाने के प्रयास में गृहस्वामी और भीतर बंधे सात मवेशी झुलस गए।
45 हजार की नकदी समेत दो लाख कीमत का सामान भी जल गया। बमुश्किल आग पर एकजुट होकर काबू किया जा सका। एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और जानकारी करते हुए नुकसान का भी आकलन किया। पीड़ित ने जल्द मुआवजा दिलाने की गुहार भी लगाई है।
कोतवाली बीसलपुर क्षेत्र के ग्राम रोहनिया निवासी रामेश्वर दयाल ने बताया कि सोमवार को उनके पुत्र नरेंद्र के बेटे का नामकरण संस्कार था। इसे लेकर दावत रखी गई थी। जिसमें कई मेहमान आए थे। जोकि रात को कार्यक्रम संपन्न होने के बाद घर पर ही रुक गए थे।
परिसर में ही पशुओं को बांधने के लिए झोपड़ी डाल रखी है। उसमें अन्य काफी सामान भी रखा जाता है। मंगलवार सुबह करीब चार बजे पशु बांधने के लिए डाली गई झोपड़ी में अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई।
कुछ ही देर में आग भीषण हो गई। परिवार के कुछ सदस्यों की जागने पर नजर पड़ी और आग की ऊंची लपटें देखी तो खलबली मच गई। चीख पुकार मचाने पर आसपास के लोग भी जमा हो गए। फिर एकजुट होकर आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए गए।
गृहस्वामी रामेश्वर दयाल पशुओं को बचाने के लिए भीतर घुस गए। जिसमें वह भी झुलस गए। इसके सात मवेशियों को झुलसी हालत में बाहर निकाला जा सका। परिवार के अन्य लोगों की मदद से रामेश्वर दयाल भी बाहर निकाल लिए गए। इसके बाद आग ने घर को भी चपेट में ले लिया। फिर काफी मशक्कत के बाद आग बुझाई जा सकी।
हादसे में 45 हजार रुपये नकद, अनाज, कपड़ा समेत दो लाख का नुकसान बताया गया। झुलसे ग्रामीण को परिजन ने सीएचसी भर्ती कराया गया।इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दी गई। फिर एसडीएम महिपाल सिंह के निर्देश पर नायब तहसीलदार रमेश चंद्र टीम संग मौके पर पहुंचे और जानकारी की।
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