Bareilly News: कागजों में ही सड़कों को बनाया जा रहा मजबूत, वाह कहें या आह..! छह महीने चल गई
सुभाषनगर पुलिया के नीचे महीने भर में ही हो गए गड्ढे
बरेली, अमृत विचार। सुभाषनगर पुलिया के नीचे 15 दिन रास्ता बंद रखकर बनाया गया सीमेंट रोड महीने भर भी नहीं चली लेकिन परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र इस मामले में थोड़ा ज्यादा भाग्यशाली निकला। यहां रोड नंबर एक पर बना सीमेंट रोड छह महीने चलने के बाद अब बिखरना शुरू हुआ है। नगर निगम ने यह सीमेंट रोड बनाने के लिए डेढ़ करोड़ खर्च किए थे।
दोनों सीमेंट रोड की जिंदगी का अंतर जता रहा है कि उद्यमियों का ख्याल रखते हुए परसाखेड़ा में गुणवत्ता का ज्यादा ख्याल रखा गया। शायद कमीशन भी कुछ कम खाया गया। उद्यमी कई बरस से यह सड़क बनाने की मांग कर रहे थे। 2022 में नगर निगम का खजाना खाली बताकर अफसरों ने सड़क बनवा पाने से इन्कार कर दिया था। उद्यमियों मेयर उमेश गौतम के सामने समस्या रखी तो उन्होंने पिछले साल 15वें वित्त की धनराशि से यह सड़क बनवाने का आदेश दिया। डेढ़ करोड़ मंजूर हुआ लेकिन इससे साढ़े सात मीटर लंबी सड़क का 688 मीटर सड़क का ही निर्माण हो पाया। उद्यमियों के मुताबिक सड़क पूरी होने से पहले ही नगर निगम का खजाना फिर खाली हो गया।
डेढ़ करोड़ रुपये से बीएल एग्रो फैक्ट्री के सामने से गुजरने वाला सीमेंट रोड करीब छह महीने चल चुका है और अब उसकी गिट्टियां सतह छोड़कर बिखरने लगी हैं। हाल ही में वार्ड 37 की पार्षद अंजुल ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर घटिया निर्माण के कारण सड़क के कई जगह उखड़ने की शिकायत की है। अंजुल ने आग्रह किया है कि निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की जांच कराने के साथ ठेकेदार से सड़क का दोबारा गुणवत्तापूर्ण निर्माण कराया जाए।
40 एमएम की गिट्टी लगनी थी लगाई सिर्फ दस एमएम की
औद्योगिक क्षेत्र में भारी वाहनों की आवाजाही के मद्देनजर मजबूत सड़क बनाने का एस्टीमेट तैयार किया गया था। बताया जा रहा है कि इस सड़क में 30 से 40 एमएम की गिट्टी लगाई जानी चाहिए लेकिन इसके बजाय दस एमएम की छोटी गिट्टी का प्रयोग किया गया। छोटी गिट्टी होने के कारण ही ऊपरी सतह बिखरने लगी है। कहा जा रहा है कि ऊपरी सतह बिखरने के बाद सड़क में फिर गड्ढे हो जाएंगे। उद्यमियों को फिर दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
सड़क निर्माण की गुणवत्ता समय-समय पर चेक करने की जिम्मेदारी एई और जेई की होती है। औद्योगिक क्षेत्र की सड़क अगर छह महीने में ही उखड़ने लगी है तो उसे चेक कराएंगे - पुनीत ओझा, मुख्य अभियंता नगर निगम।
नगर निगम में पैसे की कमी की वजह से रोड नंबर एक का पूरी निर्माण नहीं हो पाया है। आईआईए ने इस सड़क के निर्माण के लिए नगर निगम और उद्योग बंधु की बैठक में कई बार मांग की थी - विमल रेवाड़ी, डिविजनल चेयरमैन, आईआईए।
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