Budaun News: किसानों के खाते में नहीं पहुंची बीज सब्सिडी की धनराशि, कृषि विभाग के काट रहे चक्कर 

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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सांकेतिक फोटो

बदायूं, अमृत विचार: रबी सीजन में किसानों को बीज का वितरण किया गया था। करीब दो हजार से अधिक ऐसे किसान हैं कि उन्हें अभी तक सब्सिडी की धनराशि नहीं मिली है। जिसे प्राप्त करने के लिए वह कृषि विभाग के चक्कर काट रहे हैं। वहीं अधिकारी बजट के अभाव में अनुदान  की राशि भेजने में असमर्थता जता रहे हैं। 

उन्नत खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा रबी सीजन में राजकीय बीज गोदामों से किसानों को सब्सिडी पर संशोधित बीज की बिक्री की गई थी।  बीज खरीदते समय किसानों को इसकी पूरी कीमत चुकानी पड़ी। इसके बाद मूल्य के 50 फीसदी धनराशि बाद में सब्सिडी के रूप में उनके खाते में आनी थी। 

जबकि नियमानुसार किसानों के बैंक खाते में एक सप्ताह के अंदर सब्सिडी की धनराशि कृषि विभाग द्वारा भेजी जानी थी। लेकिन किसान सब्सिडी की बाट जोह रहे हैं। अन्नदाता अपनी शिकायत लेकर अधिकारियों के पास पहुंचते है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। अधिक दिनों से बकाया होने से किसानों का भरोसा भी टूटता जा रहा है। 

यदि ऐसी स्थिति रही तो किसान राजकीय बीज गोदामों से बीज खरीदने से परहेज करने लगेंगे। ऐसे में विभाग के लिए बीज बिक्री का लक्ष्य पूरा करना आसान नहीं होगा। वहीं कृषि अधिकारियों का कहना है बजट के अभाव में सब्सिडी की धनराशि किसानों को नहीं दी जा सकी है। जितना बजट  था उसके अनुसार किसानों को अनुदान की धनराशि दी जा चुकी है। डिमांड भेजी है। 

1.24 लाख एमटी बीज का किया गया था वितरण
कृषि विभाग द्वारा रबी सीजन में गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर और सरसों सहित अन्य फसलों का बीज  किसानों में वितरण के लिए 1,23,935.18 एमटी का लक्ष्य मिला था। जिसके सापेक्ष 1,24,134.92 एमटी बीज का वितरण किया गया था।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार करीब पांच हजार से अधिक किसानों में बीज का वितरण किया गया था। इनमें से तीन हजार से अधिक किसानों में अनुदान की राशि भेजी जा चुकी है। अभी दो हजार से अधिक किसान ऐसे हैं जिन्हें बजट के अभाव में सब्सिडी की धनराशि नहीं भेजी गई है। अनुदान की धनराशि प्राप्त करने के लिए किसान कृषि अधिकारियों के 

बजट कम था। इस कारण करीब दो हजार से अधिक किसान शेष बचे हैं। जिन्हें बीज का अनुदान दिया जाना है। डिमांड भेजी गई है। बजट आते ही अनुदान की राशि उनके खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी---मनोज कुमार, उप कृषि निदेशक।

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